क्या कम महंगाई दर का असर है? आरबीआई ब्याज दरें घटा सकता है?

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क्या कम महंगाई दर का असर है? आरबीआई ब्याज दरें घटा सकता है?

सारांश

हाल की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक महंगाई दर के निम्न स्तरों के चलते ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। जानें इसके पीछे के कारण और इसके प्रभाव के बारे में।

Key Takeaways

  • महंगाई दर में कमी का असर ब्याज दरों पर पड़ सकता है।
  • त्योहारी सीजन से खर्च में वृद्धि की उम्मीद है।
  • आरबीआई ने विकास दर का अनुमान बढ़ाया है।
  • उच्च आवृत्ति संकेतकों में नरमी के संकेत मिले हैं।
  • बैंक ऑफ बड़ौदा के अनुसार, भारत अब भी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) महंगाई दर के कम स्तरों के कारण आने वाले महीनों में एक बार फिर से ब्याज दरों में कमी कर सकता है। यह जानकारी मंगलवार को एक रिपोर्ट में दी गई।

बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा संकलित आंकड़ों में उल्लेख किया गया है कि अक्टूबर की एमपीसी में आरबीआई ने रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा है, लेकिन विकास को प्रोत्साहित करने के लिए और ढील देने की संभावना बनी हुई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी दरों में कमी और त्योहारी सीजन में बढ़ते खर्च इस तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

इन कारकों से उपभोग में मजबूती आएगी और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी।

रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई एमपीसी ने अक्टूबर में जीएसटी के आर्थिक प्रभाव और टैरिफ के प्रभाव का मूल्यांकन करते हुए नीति की दिशा को न्यूट्रल रखते हुए रेपो रेट को स्थिर रखा है।

आरबीआई ने वित्तीय वर्ष 26 के लिए विकास दर के अनुमान को बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है, जबकि पहले यह 6.5 प्रतिशत था। इसके साथ ही महंगाई दर का अनुमान 3.1 प्रतिशत से घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया गया है।

हालांकि, रिपोर्ट में बताया गया है कि हवाई यातायात, बंदरगाह माल ढुलाई और रेल माल ढुलाई जैसे उच्च आवृत्ति संकेतक में नरमी के संकेत मिले हैं, जो गति में थोड़ी मंदी का संकेत देते हैं।

फिर भी, डीजल की खपत, सरकारी खर्च, और बैंक ऋण वृद्धि में सुधार देखने को मिला है।

हाल ही में जीएसटी दर में कटौती और त्योहारी सीजन से उम्मीद है कि आने वाले महीनों में मांग को आवश्यक प्रोत्साहन मिलेगा।

बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा है कि भारत अब भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है, जिसका मुख्य कारण मजबूत घरेलू खपत है।

Point of View

मेरा मानना है कि आरबीआई की संभावित ब्याज दर में कमी से देश की आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा। महंगाई दर का नियंत्रण और खर्च में बढ़ोतरी से यह संभव हो सकता है। यह कदम आम जनता को राहत प्रदान कर सकता है, लेकिन इसके साथ ही हमें वैश्विक आर्थिक परिवेश को भी ध्यान में रखना होगा।
NationPress
07/10/2025

Frequently Asked Questions

आरबीआई ने ब्याज दर क्यों नहीं घटाई?
आरबीआई ने अक्टूबर में रेपो रेट को यथावत रखा है क्योंकि वह महंगाई और अन्य आर्थिक कारकों का मूल्यांकन कर रहा है।
जीएसटी दर में कमी का क्या असर होगा?
जीएसटी दर में कमी से उपभोग बढ़ने की संभावना है, जो आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित कर सकती है।