क्या भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग ने नवरात्रि के दौरान रिकॉर्ड बिक्री वृद्धि दर्ज की?

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क्या भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग ने नवरात्रि के दौरान रिकॉर्ड बिक्री वृद्धि दर्ज की?

सारांश

भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग ने नवरात्रि के दौरान एक नई ऊँचाई पर पहुँचते हुए 34% की सालाना वृद्धि दर्ज की है। फाडा के अनुसार, यह वृद्धि जीएसटी सुधारों के चलते हुई है, जो ऑटोमोबाइल डीलर्स के लिए एक सकारात्मक संकेत है। जानिए इसके पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग ने नवरात्रि में रिकॉर्ड बिक्री वृद्धि दर्ज की।
  • 34% की सालाना वृद्धि जीएसटी सुधारों के चलते हुई।
  • दोपहिया और यात्री वाहनों में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई।
  • दीपावली तक यह वृद्धि जारी रहने की संभावना है।
  • लॉजिस्टिक्स और परिवहन प्रणाली की भूमिका महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) द्वारा मंगलवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग ने 22 सितंबर से 30 सितंबर तक नवरात्रि के दौरान अपनी अब तक की सबसे अधिक बिक्री वृद्धि का रिकॉर्ड बनाया है, जिसमें सालाना आधार पर 34 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है।

जीएसटी सुधारों के प्रभाव से यात्री वाहनों की बिक्री में 34.8 प्रतिशत और दोपहिया वाहनों की बिक्री में 36 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

सितंबर में कुल बिक्री में 5.22 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 18,27,337 यूनिट रही, जबकि पिछले वर्ष सितंबर में यह 17,36,760 यूनिट थी। 21 सितंबर तक बिक्री में मंदी रही, फिर उसके बाद में तेजी आई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर के अंतिम दिनों में बनी यह गति दीपावली तक जारी रहेगी, जो 42 दिनों के त्योहारी सीजन के एक सकारात्मक अंत का संकेत है।

रिपोर्ट के अनुसार, ऑटो डीलरशिप पर दोपहिया, यात्री वाहनों और वाणिज्यिक वाहनों की पूछताछ और बुकिंग में भारी वृद्धि देखी जा रही है।

यदि लॉजिस्टिक्स और परिवहन प्रणाली सुचारू रूप से काम करती है, तो यह भारत का अब तक का सबसे अच्छा त्योहारी खुदरा सीजन हो सकता है, क्योंकि सप्लाई चेन यहाँ की त्योहारी मांग के अनुसार हैं।

सितंबर में दोपहिया श्रेणी की बिक्री 6.1 प्रतिशत बढ़कर 12,87,735 यूनिट हो गई, जबकि पिछले वर्ष इसी महीने यह 12,08,996 यूनिट थी। निजी वाहनों की बिक्री 5.81 प्रतिशत बढ़कर 2,99,369 यूनिट हो गई, जबकि सितंबर 2024 में यह आंकड़ा 2,82,945 यूनिट था।

फाडा ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जीएसटी रेट में कटौती और त्योहारी मांग की वजह से पूछताछ और बुकिंग में वृद्धि हुई। हालाँकि, सीमित बिलिंग दिनों के कारण वृद्धि की पूरी संभावना को सीमित कर दिया गया।

सभी क्षेत्रों में यही स्थिति देखी गई, जहाँ 21 सितंबर तक खुदरा बिक्री सुस्त रही और इसके बाद जीएसटी 2.0 सुधार लागू होने के बाद इसमें उछाल दर्ज किया गया।

फाडा के उपाध्यक्ष साई गिरिधर ने कहा, "नवरात्रि 2025 भारत की ऑटोमोबाइल खुदरा यात्रा का सबसे यादगार अध्याय होगा। पीएम मोदी द्वारा घोषित दूरदर्शी जीएसटी 2.0 सुधार के कारण यह एक सच्चा 'बचत उत्सव' रहा।"

रिपोर्ट में कहा गया है कि डीलरों ने इस अवधि का उपयोग इन्वेंट्री को फिर से भरने के लिए किया, जिससे पीवी सेगमेंट का स्टॉक स्तर लगभग 60 दिनों तक बढ़ गया।

इस बीच, सितंबर के दौरान, तिपहिया और कमर्शियल इक्विप्मेंट व्हीकल की बिक्री में क्रमशः 7.20 प्रतिशत और 19 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

Point of View

यह कहना आवश्यक है कि भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग न केवल आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश की तकनीकी प्रगति और नवाचार का भी प्रतीक है। इस क्षेत्र में हो रही वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य का एक सकारात्मक संकेत है।
NationPress
07/10/2025

Frequently Asked Questions

नवरात्रि के दौरान भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग में बिक्री में वृद्धि का मुख्य कारण क्या था?
मुख्य कारण जीएसटी सुधार हैं, जिन्होंने बिक्री में सुधार लाने में मदद की।
क्या यह वृद्धि दीवाली तक जारी रहेगी?
रिपोर्ट के अनुसार, यह गति दीपावली तक जारी रहने की संभावना है।
नवरात्रि के दौरान किन वाहनों की बिक्री में सबसे अधिक वृद्धि हुई?
यात्री और दोपहिया वाहनों की बिक्री में सबसे अधिक वृद्धि हुई है।
क्या इस वृद्धि का प्रभाव दीर्घकालिक होगा?
यदि लॉजिस्टिक्स और परिवहन प्रणाली सुचारू रूप से काम करती हैं, तो यह दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकती है।
फाडा की रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
फाडा की रिपोर्ट में बताया गया है कि जीएसटी में कटौती और त्योहारी मांग ने बिक्री में वृद्धि की।