क्या भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में बंद हुआ, आईटी शेयरों में खरीदारी हुई?

सारांश
Key Takeaways
- आईटी शेयरों ने बाजार को ऊंचाई पर पहुंचाने में मदद की।
- सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में बढ़त देखने को मिली।
- निवेशकों ने सकारात्मक वैश्विक संकेतों का लाभ उठाया।
- ऑटो शेयरों में मुनाफावसूली का दबाव रहा।
- भविष्य में बाजार की धारणा सीमित रहने की संभावना है।
मुंबई, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय शेयर बाजार ने मंगलवार के कारोबारी सत्र में हरे निशान में समापन किया। आईटी शेयरों में जोरदार खरीदारी के चलते कारोबार के अंत में सेंसेक्स 314.02 अंक या 0.39 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81,101.32 पर और निफ्टी 95.45 अंक या 0.39 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 24,868.60 पर पहुंच गया।
आईटी शेयरों ने सत्र में बाजार को ऊंचाई पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। निफ्टी आईटी इंडेक्स 2.76 प्रतिशत की तेजी के साथ समाप्त हुआ। अन्य क्षेत्रों में निफ्टी फार्मा (0.86 प्रतिशत), निफ्टी एफएमसीजी (0.58 प्रतिशत), निफ्टी प्राइवेट बैंक (0.13 प्रतिशत) और निफ्टी हेल्थकेयर (0.77 प्रतिशत) में भी बढ़त देखने को मिली।
हालांकि, निफ्टी पीएसयू बैंक (0.14 प्रतिशत), निफ्टी रियल्टी (0.30 प्रतिशत), निफ्टी एनर्जी (0.12 प्रतिशत) और निफ्टी पीएसई (0.19 प्रतिशत) में कुछ दबाव रहा।
सेंसेक्स में इन्फोसिस, टेक महिंद्रा, अदाणी पोर्ट्स, एचसीएल टेक, टीसीएस, सन फार्मा, बजाज फिनसर्व, एचयूएल, आईटीसी, कोटक महिंद्रा बैंक और एशियन पेंट्स प्रमुख गेनर्स में रहे। वहीं, ट्रेंट, इटरनल (जोमैटो), अल्ट्राटेक सीमेंट, एनटीपीसी, टाइटन, टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक, एमएंडएम, एचडीएफसी बैंक और एसबीआई शीर्ष लूजर्स रहे।
लार्जकैप के साथ-साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी तेजी का माहौल बना रहा। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 103.20 अंक या 0.18 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 57,464.35 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 59.95 अंक या 0.34 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 17,744.30 पर बंद हुआ।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "सकारात्मक वैश्विक संकेतों के चलते घरेलू शेयर बाजार में आज बढ़त देखने को मिली। हालिया विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, इन्फोसिस की बायबैक घोषणा ने आईटी शेयरों में मजबूती लाई। इसके विपरीत, जीएसटी को तर्कसंगत बनाने के बाद हुई बढ़त के कारण ऑटो शेयरों पर मुनाफावसूली का दबाव रहा।"
उन्होंने यह भी बताया, "वैश्विक व्यापार वार्ताओं में अनिश्चितताओं के चलते बाजार की धारणा सीमित रहने की संभावना है। हालांकि, फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना और अनुकूल घरेलू मैक्रो-स्टैट्स अल्पावधि में आशावाद बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।"