क्या यूएस टैरिफ भारत के टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए नए अवसर ला रहा है? सरकार 40 देशों पर ध्यान केंद्रित कर रही है: गिरिराज सिंह

सारांश
Key Takeaways
- यूएस टैरिफ भारत के टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए नए अवसर प्रदान कर रहा है।
- सरकार 40 देशों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
- भारत का अमेरिका को टेक्सटाइल निर्यात 10-12 अरब डॉलर है।
- सरकार निर्यातकों को राहत पहुंचाने के लिए प्रयासरत है।
- भारत ने निर्यात में विविधता सफलतापूर्वक लाई है।
नई दिल्ली, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को कहा कि यूएस टैरिफ भारत के टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए निर्यात बास्केट में विविधता लाने का एक बड़ा अवसर है। सरकार नए बाजारों की खोज में 40 देशों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने बड़े और छोटे दोनों प्रकार के टेक्सटाइल क्षेत्र के निर्यातकों के साथ चर्चा की है और सभी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णयों पर भरोसा जताया है।
उन्होंने टैरिफ के बारे में बताया कि दुनिया का टेक्सटाइल बाजार 800 अरब डॉलर का है। हमारा निर्यात 36 अरब डॉलर का है और हम 40 ऐसे देशों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जिनका बाज़ार 600 अरब डॉलर का है। इसके साथ ही, सरकार उन 15 देशों पर भी ध्यान दे रही है जिनके साथ हमारा एफटीए (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) है।
उन्होंने आगे कहा कि टैरिफ एक परिवर्तनशील स्थिति लेकर आया है। इससे कुछ महीने मुश्किल हो सकते हैं, लेकिन यह एक बड़ा अवसर भी प्रस्तुत करता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत का अमेरिका को टेक्सटाइल निर्यात 10-12 अरब डॉलर है, जिसमें से लगभग 70 प्रतिशत निर्यात किया जा चुका है। सरकार उद्योग को राहत पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
भारत ने पिछले कुछ वर्षों में मध्य पूर्व, यूरोप, लैटिन अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में निर्यात के माध्यम से अपनी एक्सपोर्ट बास्केट में विविधता लाने में सफलता हासिल की है। इससे देश को यूएस टैरिफ के प्रभाव को कम करने में मदद मिली है।
यूरोपियन टाइम्स के एक लेख के अनुसार, हालांकि, भारत के लिए यूएसए सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य बना हुआ है, लेकिन पिछले तीन वित्तीय वर्षों में अमेरिका को भेजी जाने वाली अधिकांश प्रमुख वस्तुएं विश्व भर के 15 से अधिक अन्य प्रमुख बाजारों में भी भेजी गई हैं।