क्या भारतीय शेयर बाजार ने लाल निशान में बंद होकर निवेशकों को चिंतित किया?
सारांश
Key Takeaways
- सेंसेक्स में 609 अंक की गिरावट हुई।
- निफ्टी में 225 अंक की कमी आई।
- लगभग सभी प्रमुख सूचकांक लाल निशान में बंद हुए।
- विश्लेषकों के अनुसार बाजार में वैश्विक संकेतों का प्रभाव है।
- भारतीय रुपया 90.06 पर बंद हुआ।
मुंबई, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में गहरी गिरावट देखने को मिली, जिससे यह लाल निशान में बंद हुआ। बाजार में चौतरफा बिकवाली का माहौल रहा। कारोबार के अंत में, सेंसेक्स 609.68 अंक या 0.71 प्रतिशत की कमी के साथ 85,102.69 पर और निफ्टी 225.90 अंक या 0.86 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 25,960.55 पर पहुँच गया।
लगभग सभी सूचकांकों ने लाल निशान में समापन किया। निफ्टी इंडिया डिफेंस (3.68 प्रतिशत), निफ्टी रियल्टी (3.53 प्रतिशत), निफ्टी पीएसयू बैंक (2.81 प्रतिशत), निफ्टी मीडिया (2.73 प्रतिशत), निफ्टी पीएसई (2.10 प्रतिशत) और निफ्टी मेटल (1.92 प्रतिशत) सबसे अधिक गिरने वाले सूचकांक रहे।
सेंसेक्स पैक में बीईएल, इटरनल (जोमैटो), ट्रेंट, टाटा स्टील, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, पावर ग्रिड, एसबीआई, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स, एशियन पेंट्स, कोटक महिंद्रा, टाइटन, एनटीपीसी, भारती एयरटेल और एलएंडटी शीर्ष हानिकारक शेयर रहे। दूसरी ओर, टेक महिंद्रा और एचसीएल टेक ने लाभ कमाया।
लार्जकैप की तुलना में मिडकैप और स्मॉलकैप में ज्यादा बिकवाली देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक 1,106.50 अंक या 1.83 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 59,488.10 पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक 456.10 अंक या 2.61 प्रतिशत की कमी के साथ 17,051.65 पर था।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 950 शेयर हरे निशान में, 3,348 शेयर लाल निशान में और 187 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन के बावजूद शेयर बाजार में गिरावट आई है, जिसका मुख्य कारण वैश्विक संकेतों का दबाव है। निवेशकों की निगाहें अमेरिकी फेड के निर्णयों पर होंगी, जो बाजार की दिशा तय करेंगे।
भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत भी लाल निशान में हुई। सुबह 9:34 बजे सेंसेक्स 131.80 अंक या 0.15 प्रतिशत कम होकर 85,580.57 पर और निफ्टी 44.55 अंक या 0.17 प्रतिशत कम होकर 26,141.90 पर था।
अतिरिक्त जानकारी के अनुसार, डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 13 प्रतिशत घटकर 90.06 पर बंद हुआ, जिसका कारण विदेशी निवेशकों की बिकवाली और भारत-अमेरिका व्यापार सौदे की अनिश्चितता है।