क्या ग्लोबल कंपनी जेबिल भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 2,000 करोड़ रुपए का निवेश कर रही है?

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क्या ग्लोबल कंपनी जेबिल भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 2,000 करोड़ रुपए का निवेश कर रही है?

सारांश

ग्लोबल कंपनी जेबिल का नया प्लांट साणंद में बनकर तैयार है। इस प्लांट में भारत में सिलिकॉन फोटोनिक्स और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्माण होगा, जिससे देश की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता में वृद्धि होगी।

Key Takeaways

  • जेबिल का प्लांट लगभग पूरा हो चुका है।
  • यह प्लांट सिलिकॉन फोटोनिक्स का निर्माण करेगा।
  • 2,000 करोड़ रुपए का निवेश भारत की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देगा।
  • यह योजना आत्मनिर्भरता को साकार करने में मददगार होगी।
  • कई कंपनियों को प्रोत्साहन मिल रहा है।

नई दिल्ली, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी जेबिल का गुजरात के साणंद स्थित प्लांट लगभग पूरा हो चुका है। यह प्लांट देश में सिलिकॉन फोटोनिक्स और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्माण करेगा।

जेबिल के 25 से अधिक देशों में 100 से अधिक स्थानों पर 1,40,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "जेबिल भारत में सिलिकॉन फोटोनिक्स और इलेक्ट्रॉनिक निर्माण सेवाओं में 2,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश कर रही है।"

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "साणंद स्थित प्लांट लगभग पूरा हो चुका है।"

जेबिल के ग्राहकों की सूची में स्वास्थ्य सेवा, पैकेजिंग, स्मार्टफोन और क्लाउड उपकरणों से लेकर ऑटोमोटिव और घरेलू उपकरणों तक, दुनिया के 300 सबसे बड़े ब्रांड शामिल हैं।

इस बीच, दूरसंचार विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, केंद्र सरकार ने कहा है कि 31 मार्च तक दूरसंचार उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 1,162 करोड़ रुपए वितरित किए हैं।

1 अप्रैल, 2021 को शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य दूरसंचार क्षेत्र में घरेलू विनिर्माण और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है। यह चालू वित्त वर्ष के अंत में समाप्त होने वाली है।

इस योजना के तहत चयनित 42 कंपनियों में से 21 निर्माताओं ने अब तक सफलतापूर्वक प्रोत्साहन प्राप्त कर लिए हैं।

सरकार ने इस योजना के लिए 4,115 करोड़ रुपए निर्धारित किए थे, जिसका लक्ष्य अनुमानित 2.45 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त बिक्री और इसके दौरान 44,000 से अधिक नए रोजगार सृजित करना था।

जेबिल शीर्ष लाभार्थी के रूप में उभरा, जिसने दो वित्त वर्षों में 235.87 करोड़ रुपए का प्रोत्साहन प्राप्त किया।

अन्य प्रमुख प्राप्तकर्ताओं में 165.12 करोड़ रुपए के साथ फ्लेक्सट्रॉनिक्स, 157.32 करोड़ रुपए के साथ नोकिया, 80.33 करोड़ रुपए के साथ फॉक्सकॉन राइजिंग स्टार्स और 53.23 करोड़ रुपए के साथ सिरमा एसजीएस का नाम शामिल है।

उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि दूरसंचार ऑपरेटरों और सरकार के दृष्टिकोण के बीच बेहतर तालमेल जरूरी है। वे आत्मनिर्भरता और रोजगार सृजन के लक्ष्यों को सही मायने में साकार करने के लिए ज्यादा स्थानीय मूल्य संवर्धन वाले दूरसंचार उत्पादों की खरीद को प्रोत्साहित करने के महत्व पर जोर देते हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि जेबिल का निवेश भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा। यह न केवल आर्थिक विकास में मदद करेगा, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

जेबिल का प्लांट कहाँ स्थित है?
जेबिल का प्लांट गुजरात के साणंद में स्थित है।
जेबिल का निवेश कितना है?
जेबिल भारत में 2,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश कर रहा है।
जेबिल किस प्रकार के उत्पाद बनाएगा?
जेबिल सिलिकॉन फोटोनिक्स और अन्य इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स का निर्माण करेगा।
इस निवेश का क्या महत्व है?
यह निवेश भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को बढ़ाने और रोजगार सृजन में मदद करेगा।
क्या जेबिल अकेला निवेश कर रहा है?
नहीं, अन्य कंपनियों जैसे फ्लेक्सट्रॉनिक्स और नोकिया भी प्रोत्साहन प्राप्त कर रही हैं।