क्या जेन स्ट्रीट ने भारतीय शेयर बाजार में हेराफेरी कर 43,000 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया?

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क्या जेन स्ट्रीट ने भारतीय शेयर बाजार में हेराफेरी कर 43,000 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया?

सारांश

जेन स्ट्रीट पर सेबी द्वारा लगाए गए आरोपों के अनुसार, उसने भारतीय शेयर बाजार में नियमों का उल्लंघन करते हुए 43,000 करोड़ रुपए से अधिक का मुनाफा कमाया है। यह मामला भारतीय वित्तीय क्षेत्र में एक बड़ा विवाद बन गया है।

Key Takeaways

  • जेन स्ट्रीट ने 43,000 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया।
  • सेबी ने हेराफेरी के आरोपों की जांच की।
  • बैंक निफ्टी ऑप्शंस में कीमतों में कृत्रिम हेरफेर किया गया।
  • जेन स्ट्रीट के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं।
  • इस मामले ने भारतीय बाजार में पारदर्शिता की आवश्यकता को उजागर किया है।

मुंबई, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जेन स्ट्रीट पर आरोप लगाया है कि उसने नियमों का उल्लंघन करते हुए गलत रणनीतियों का उपयोग करके इंडेक्स ऑप्शंस में 43,000 करोड़ रुपए से अधिक का मुनाफा कमाया है।

यह भारतीय शेयर बाजार में हाल के वर्षों में सामने आया सबसे बड़ा हेराफेरी का मामला माना जा रहा है। आइए जानते हैं कि जेन स्ट्रीट ने इस हेराफेरी के द्वारा तगड़ा मुनाफा कैसे कमाया।

सेबी के अनुसार, जेन स्ट्रीट और इसकी संबंधित संस्थाएं ने बैंक निफ्टी सूचकांक को कृत्रिम रूप से बढ़ाने और घटाने के लिए एक इंट्रा-डे ट्रेडिंग रणनीति बनाई थी।

नियामक ने पाया कि 1 जनवरी, 2023 से 31 मार्च, 2025 के बीच, जेन स्ट्रीट और इसकी संस्थाओं ने 43,289 करोड़ रुपए का चौंका देने वाला मुनाफा कमाया, जो मुख्य रूप से बैंक निफ्टी ऑप्शन से था।

यह मुनाफा कैश और फ्यूचर मार्केट में कीमतों में हेरफेर कर प्राप्त किया गया था।

सेबी के अनुसार, इस रणनीति में सुबह के कारोबारी घंटों के दौरान बैंक निफ्टी में शामिल शेयरों और फ्यूचर्स में खरीदारी की जाती थी, जिससे इंडेक्स ऊपर चढ़ जाता था।

जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ता था, जेन स्ट्रीट आक्रामक तरीके से उन्हीं पोजीशन को बेच देता था, जिससे सूचकांक नीचे चला जाता था।

सेबी ने बताया कि इसकी टाइमिंग रैंडम नहीं थी। ये ट्रेड जानबूझकर मासिक समाप्ति तिथियों के आसपास किए गए थे, जब ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स का निपटान इंडेक्स के समापन मूल्य के आधार पर किया जाता है, जिससे जेन स्ट्रीट को उनके द्वारा बनाए गए स्विंग से बड़े पैमाने पर लाभ मिल रहा था।

नियामक ने इसे 'मार्किंग-द-क्लोज' का एक क्लासिक मामला बताया, जहां एक ट्रेडर समाप्ति से ठीक पहले अपने स्वयं के डेरिवेटिव पोजीशन के पक्ष में अंतर्निहित इंडेक्स की कीमतों में हेरफेर करता है।

केवल समाप्ति के दिन ही, वे बड़े पैमाने पर ट्रेड के साथ बाजार में प्रवेश करते हैं।

17 जनवरी, 2024 की सुबह, जेन स्ट्रीट ने बैंक निफ्टी फ्यूचर्स में 4,370 करोड़ रुपए की आक्रामक खरीददारी की और 32,115 करोड़ रुपए के बैंक निफ्टी ऑप्शंस को बेचा। दोपहर के बाद, इसने बैंक निफ्टी फ्यूचर्स में 5,372 करोड़ रुपए की बड़ी मात्रा में बिकवाली की।

इससे बैंक निफ्टी इंडेक्स ऑप्शंस सेगमेंट में 46,620 करोड़ रुपए की अधिकतम शॉर्ट पोजीशन बनी और बैंक निफ्टी में नरमी आई।

जेन स्ट्रीट ने ऑप्शन सेगमेंट में 735 करोड़ रुपए का लाभ कमाया, जबकि विदेशी फर्म को इस दौरान नकद और फ्यूचर्स में केवल 61.6 करोड़ रुपए का इंट्राडे घाटा हुआ।

इस प्रकार, जेन स्ट्रीट ने एक ही दिन में 673.4 करोड़ रुपए का स्पष्ट लाभ कमाया।

सेबी के आदेश ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जेन स्ट्रीट लगातार भारतीय बाजार में लार्जेस्ट इंडेक्स ऑप्शन रिस्क को चला रहा था।

नियामक ने आगे बताया कि अन्य बाजार प्रतिभागी, इस हेरफेर से अनजान थे। वे गलत तरीके से बढ़ाए या कम किए गए सूचकांक स्तरों से गुमराह हो गए और गलत कीमतों के आधार पर निर्णय लेने लगे।

सेबी ने जेन स्ट्रीट और इसकी तीन संबंधित संस्थाओं - जेएसआई 2 इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, जेन स्ट्रीट सिंगापुर पीटीई लिमिटेड और जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग लिमिटेड को अगले नोटिस तक भारतीय प्रतिभूति बाजार तक पहुंचने से रोक दिया है।

उनके बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं और उन्हें फिलहाल 4,843.5 करोड़ रुपए जमा करने का निर्देश दिया गया है।

सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजों को इन संस्थाओं द्वारा भविष्य में की जाने वाली गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखने का निर्देश दिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे समान ट्रेडिंग पैटर्न का इस्तेमाल कर इस तरह की हेराफेरी को न दोहराएं।

जेन स्ट्रीट, 2000 में स्थापित एक ग्लोबल स्वामित्व वाली ट्रेडिंग फर्म है, जो दुनिया भर में ईटीएफ और ऑप्शन ट्रेडिंग में अपनी गहरी भागीदारी के लिए जानी जाती है।

Point of View

यह देखना महत्वपूर्ण है कि भारतीय बाजार में इस तरह की गतिविधियों से निवेशकों का विश्वास प्रभावित होता है। हमें वित्तीय पारदर्शिता और ईमानदारी की आवश्यकता है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

जेन स्ट्रीट ने किस प्रकार की हेराफेरी की?
जेन स्ट्रीट ने इंडेक्स ऑप्शंस में कृत्रिम रूप से कीमतों को बढ़ाने और घटाने के लिए एक इंट्रा-डे ट्रेडिंग रणनीति का उपयोग किया।
सेबी ने जेन स्ट्रीट पर क्या कार्रवाई की?
सेबी ने जेन स्ट्रीट के बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं और उन्हें 4,843.5 करोड़ रुपए जमा करने का निर्देश दिया है।
क्या जेन स्ट्रीट ने भारतीय शेयर बाजार को नुकसान पहुँचाया?
हाँ, जेन स्ट्रीट की गतिविधियों के कारण अन्य निवेशक गलत कीमतों के आधार पर निर्णय लेने लगे, जिससे बाजार में अस्थिरता आई।