क्या जुलाई में जीएसटी संग्रह 7.5 प्रतिशत बढ़कर 1.96 लाख करोड़ रुपए हुआ?

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क्या जुलाई में जीएसटी संग्रह 7.5 प्रतिशत बढ़कर 1.96 लाख करोड़ रुपए हुआ?

सारांश

जुलाई में जीएसटी संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है, जो आर्थिक स्थिति की स्थिरता को दर्शाता है। क्या यह वृद्धि आगामी महीनों में भी जारी रहेगी? जानिए इस पर हमारी विस्तृत रिपोर्ट।

Key Takeaways

  • जुलाई में जीएसटी संग्रह 1.96 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया।
  • यह पिछले वर्ष की तुलना में 7.5 प्रतिशत अधिक है।
  • आर्थिक गतिविधियों में स्थिरता का संकेत।
  • राजस्व में वृद्धि का मुख्य कारण घरेलू लेनदेन और आयात।
  • राज्यवार प्रदर्शन में विविधता।

मुंबई, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस) । शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत का वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह जुलाई में 1.96 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 7.5 प्रतिशत अधिक है।

यह वृद्धि घरेलू लेनदेन और आयात से प्राप्त राजस्व में वृद्धि के कारण हुई है, जो स्थिर आर्थिक गतिविधि को दर्शाता है, हालाँकि विकास की गति हाल के महीनों की तुलना में धीमी रही है।

इस वर्ष अप्रैल और जुलाई के बीच, ग्रॉस जीएसटी राजस्व 8.18 लाख करोड़ रुपए रहा, जो 2024 की इसी अवधि के 7.39 लाख करोड़ रुपए से 10.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

जुलाई में, कुल ग्रॉस जीएसटी संग्रह में केंद्रीय जीएसटी से 35,470 करोड़ रुपए, राज्य जीएसटी से 44,059 करोड़ रुपए, इंटीग्रेटेड जीएसटी से 1,03,536 करोड़ रुपए (आयात से 51,626 करोड़ रुपए सहित) और सेस से 12,670 करोड़ रुपए (आयात से 1,086 करोड़ रुपए सहित) शामिल थे।

जुलाई लगातार सातवां महीना रहा है, जिसमें संग्रह 1.8 लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा, लेकिन यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के 2.1 लाख करोड़ रुपए के औसत से कम था।

अप्रैल में जीएसटी प्राप्तियां रिकॉर्ड 2.37 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गई थीं, जो मई में घटकर 2.01 लाख करोड़ रुपए रह गई।

रिफंड के एडजस्टमेंट के बाद, जुलाई में नेट जीएसटी राजस्व 1,68,588 करोड़ रुपए रहा, जो एक वर्ष पहले के 1,65,800 करोड़ रुपए से केवल 1.7 प्रतिशत अधिक है।

यह मामूली वृद्धि रिफंड में 66.8 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि के कारण हुई, जो जुलाई 2024 में 16,275 करोड़ रुपए की तुलना में इस महीने 27,147 करोड़ रुपए तक पहुँच गई।

अप्रैल-जुलाई की अवधि में, नेट जीएसटी राजस्व पिछले वर्ष के 6.56 लाख करोड़ रुपए से 8.4 प्रतिशत बढ़कर 7.11 लाख करोड़ रुपए हो गया।

राज्यवार प्रदर्शन मिला-जुला रहा। छोटे पूर्वोत्तर राज्यों ने मजबूत वृद्धि दर्ज की, जिसमें त्रिपुरा 41 प्रतिशत की वृद्धि के साथ सबसे आगे रहा, उसके बाद 26 प्रतिशत के साथ मेघालय, 23 प्रतिशत के साथ सिक्किम और 22 प्रतिशत के साथ नागालैंड का स्थान रहा।

बड़े राज्यों में, मध्य प्रदेश में 18 प्रतिशत, बिहार में 16 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में 14 प्रतिशत और पंजाब एवं हरियाणा में 12-12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

जीएसटी में सबसे अधिक योगदान देने वाले राज्य महाराष्ट्र ने जुलाई में 30,590 करोड़ रुपए का संग्रह किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6 प्रतिशत अधिक है।

कर्नाटक और तमिलनाडु में क्रमशः 7 प्रतिशत और 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि गुजरात में 3 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज की गई।

हालांकि, कुछ क्षेत्रों में राजस्व में गिरावट देखी गई। मणिपुर के जीएसटी संग्रह में 36 प्रतिशत, मिजोरम में 21 प्रतिशत और जम्मू-कश्मीर तथा चंडीगढ़ में 5-5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

दिल्ली और उत्तर प्रदेश में क्रमशः 2 प्रतिशत और 7 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज की गई।

वैश्विक चुनौतियों के बावजूद जुलाई में मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी मजबूत रहीं, उत्पादन 16 महीने के उच्चतम स्तर 59.1 पर पहुँच गया, जिससे समग्र आर्थिक गति को बल मिला।

Point of View

बल्कि आम जनता के लिए भी आशा की किरण है।
NationPress
02/08/2025

Frequently Asked Questions

जुलाई में जीएसटी संग्रह क्यों बढ़ा?
जुलाई में जीएसटी संग्रह का बढ़ना घरेलू लेनदेन और आयात में वृद्धि के कारण हुआ है।
क्या जीएसटी संग्रह का यह आंकड़ा पिछले वर्ष से अधिक है?
जी हाँ, जुलाई में जीएसटी संग्रह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 7.5 प्रतिशत अधिक है।
राज्यवार जीएसटी संग्रह का क्या हाल है?
राज्यवार प्रदर्शन मिला-जुला रहा है, छोटे पूर्वोत्तर राज्यों ने मजबूत वृद्धि दर्ज की है।
क्या जीएसटी संग्रह में कोई गिरावट देखी गई है?
हाँ, कुछ क्षेत्रों में जैसे मणिपुर और मिजोरम में जीएसटी संग्रह में गिरावट देखी गई है।
क्या भविष्य में जीएसटी संग्रह में और वृद्धि होगी?
यह निर्भर करता है आर्थिक गतिविधियों पर, लेकिन वर्तमान संकेत सकारात्मक हैं।