क्या कपड़ा क्षेत्र अब देश में दूसरा सबसे बड़ा रोजगार सृजन क्षेत्र बन गया है? : गिरिराज सिंह

सारांश
Key Takeaways
- कपड़ा क्षेत्र अब देश में दूसरा सबसे बड़ा रोजगार सृजन क्षेत्र बन चुका है।
- सरकार नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा दे रही है।
- युवाओं को हथकरघा उद्योग से जोड़ने की आवश्यकता है।
- आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर बुनकरों के बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
- भारतीय शिल्प कौशल की समृद्ध परंपरा का समर्थन करें।
नई दिल्ली, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि भारत के आर्थिक परिदृश्य में कपड़ा क्षेत्र की महत्ता में वृद्धि हो रही है और यह क्षेत्र अब देश का दूसरा सबसे बड़ा रोजगार सृजन क्षेत्र बन गया है।
नई दिल्ली में 11वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के उद्घाटन के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि हथकरघा क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा देने और बुनकरों तथा लघु उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए मुद्रा योजना जैसी योजनाओं का लाभ उठाना आवश्यक है।
उन्होंने उत्पाद विविधीकरण, रेमी और लिनेन जैसे प्राकृतिक रेशों को प्रोत्साहित करने और देश भर के 797 हथकरघा समूहों के माध्यम से दूसरी पीढ़ी के हथकरघा उद्यमियों का समर्थन करने पर जोर दिया।
गिरिराज सिंह ने बताया, "सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और ब्लॉकचेन जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर स्वदेशी डिजाइनों के संरक्षण की दिशा में काम कर रही है, ताकि भारतीय बुनकरों और डिजाइनरों के बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।"
उन्होंने युवा पीढ़ी से हथकरघा उद्योग से सक्रिय रूप से जुड़ने की अपील की और डिजाइनरों एवं बुनकरों से अनुरोध किया कि वे देश भर के युवाओं को आकर्षित करने वाले समकालीन हथकरघा उत्पाद बनाने में सहयोग करें।
उन्होंने नागरिकों से भारतीय शिल्प कौशल की समृद्ध परंपरा का समर्थन करते हुए, सप्ताह में कम से कम एक बार हथकरघा पहनने की अपील की।
कार्यक्रम में कपड़ा राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने कहा कि यह राष्ट्रीय हथकरघा दिवस भारतीय हथकरघा उद्योग की समृद्ध विरासत और इसके महत्व को मनाने का अवसर है।
उन्होंने कहा, "माननीय प्रधानमंत्री का 'वोकल फॉर लोकल' और 'लोकल फॉर ग्लोबल' का दृष्टिकोण एक जीवंत वास्तविकता बन रहा है और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के मार्गदर्शन में, कपड़ा मंत्रालय हथकरघा क्षेत्र में विकास और नवाचार के नए युग की शुरुआत कर रहा है।"
पबित्रा मार्गेरिटा ने हैंडलूम मार्क और इंडिया हैंडलूम ब्रांड जैसी पहलों पर प्रकाश डाला, जो भारतीय हथकरघा कपड़ों को स्थिरता के वैश्विक प्रतीकों में बदल रही हैं।