क्या केदारनाथ धाम की कठिन चढ़ाई अब आसान हो जाएगी? : गौतम अदाणी

सारांश
Key Takeaways
- केदारनाथ धाम की यात्रा अब आसान होगी।
- रोपवे का निर्माण 6 वर्षों में पूरा होगा।
- हर घंटे 1800 यात्री यात्रा कर सकेंगे।
- यह पर्यावरण संरक्षण के सिद्धांतों का पालन करेगा।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अदाणी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने बुधवार को एक वीडियो साझा करते हुए बताया कि सोनप्रयाग से केदारनाथ को जोड़ने वाली रोपवे परियोजना के चलते अब केदारनाथ धाम की कठिन चढ़ाई सरल होने वाली है।
गौतम अदाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "केदारनाथ धाम की कठिन चढ़ाई अब आसान होगी। अदाणी समूह श्रद्धालुओं की यात्रा को सरल और सुरक्षित बनाने के लिए यह रोपवे बना रहा है।"
उन्होंने कहा, "इस पुण्य कार्य का हिस्सा बनना हमारे लिए गर्व की बात है। महादेव सभी पर अपनी कृपा बनाए रखें। जय बाबा केदारनाथ!"
वीडियो में दिखाया गया है कि केदारनाथ की यात्रा लाखों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है, लेकिन कठिन रास्ते, अप्रत्याशित मौसम और समय इसे चुनौतीपूर्ण बनाते हैं। अब अदाणी ग्रुप आस्था को सरलता से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।
12.9 किलोमीटर लंबे सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे के साथ, इस कठिन यात्रा का समय 8-9 घंटे से घटकर केवल 36 मिनट रह जाएगा। हर घंटे 1800 यात्री प्रति दिशा में यात्रा कर सकेंगे। इस रोपवे में 35 सीटों की व्यवस्था होगी, और यह भारत का पहला 3एस ट्राई केबल रोपवे होगा, जो विश्व की सबसे सुरक्षित और अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित होगा।
वीडियो में यह भी बताया गया है कि यह रोपवे यात्रियों के यात्रा समय को बचाएगा और सुरक्षित, सुगम यात्रा का अनुभव प्रदान करेगा। बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे आसानी से दर्शन कर पाएंगे। इससे पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
अदाणी ग्रुप के अनुसार, पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण एक चुनौती है, लेकिन अदाणी ग्रुप ने सतत निर्माण, मंजूरी और स्थानीय भागीदारी का वादा किया है, ताकि प्रकृति और आस्था का संतुलन बना रहे। जब आस्था की राह आसान और सुरक्षित होगी, तब भारत की विरासत पहले से अधिक मजबूत होगी।
इससे पहले अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) ने इस परियोजना पर कुल 4,081 करोड़ रुपए का निवेश करने की जानकारी दी थी।
कंपनी की पहली रोपवे परियोजना को पूरा होने में छह वर्ष का समय लगेगा, और निर्माण के बाद 29 वर्षों तक एईएल इसका संचालन करेगा।
इसका निर्माण अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड का रोड्स, मेट्रो, रेल और वॉटर डिवीजन (आरएमआरडब्ल्यू) करेगा।
यह रोपवे नेशनल रोपवे डेवलपमेंट प्रोग्राम 'पर्वतमाला परियोजना' का हिस्सा है। इस परियोजना से कनेक्टिविटी में सुधार के साथ-साथ क्षेत्र में रोजगार सृजन और पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।