क्या डीपीडीपी नियम 2025 के ड्राफ्ट पर 6,915 फीडबैक प्राप्त हुए हैं?

सारांश
Key Takeaways
- डिजिटल व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा का कानून
- 6,915 फीडबैक प्राप्त हुए
- साइबर सुरक्षा जागरूकता के कार्यक्रम
- महिलाओं के लिए साइबर शक्ति कार्यक्रम
- सीईआरटी-इन का महत्वपूर्ण योगदान
नई दिल्ली, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस) । केंद्र सरकार ने बताया कि डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) नियम, 2025 के ड्राफ्ट पर नागरिकों और हितधारकों से 6,915 फीडबैक और इनपुट प्राप्त हुए हैं। यह ड्राफ्ट सार्वजनिक परामर्श के लिए प्रकाशित किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य इस अधिनियम को लागू करना है।
डीपीडीपी अधिनियम 2023 डिजिटल पर्सनल डेटा की प्रोसेसिंग को विनियमित करने के लिए एक समग्र डेटा प्राइवेसी कानून है। यह कानून व्यक्तियों के पर्सनल डेटा की सुरक्षा के अधिकार और वैध डेटा प्रोसेसिंग की आवश्यकता के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करता है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा में कहा, "भारत सरकार की नीतियों का उद्देश्य सभी उपयोगकर्ताओं के लिए एक सुरक्षित, विश्वसनीय और जवाबदेह साइबरस्पेस सुनिश्चित करना है। क्षमता निर्माण और जागरूकता सरकार की आईटी सुरक्षा रणनीति के महत्वपूर्ण तत्व हैं।"
उन्होंने बताया कि अधिकारियों और पेशेवरों के बीच आईटी सुरक्षा कौशल विकसित करने के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
राज्य मंत्री ने आगे कहा कि साइबर सुरक्षा जागरूकता माह और सुरक्षित इंटरनेट दिवस जैसे जन जागरूकता अभियान ऑनलाइन सुरक्षा, सुरक्षित डिजिटल लेनदेन और साइबर स्वच्छता को बढ़ावा देने में सहायक होते हैं।
अक्टूबर 2024 में शुरू किए गए साइबरशक्ति कार्यक्रम का उद्देश्य साइबर सुरक्षा में कुशल महिला कार्यबल का निर्माण करना है। सूचना सुरक्षा शिक्षा एवं जागरूकता (आईएसईए) कार्यक्रम के अंतर्गत, 3,637 वर्कशॉप आयोजित की गई हैं, जिनमें 8.2 लाख से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया है, जिनमें शिक्षा जगत, कानून प्रवर्तन, सरकारी कर्मचारी, महिलाएं और आम जनता शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त, बहुभाषी जागरूकता सामग्री जैसे हैंडबुक, वीडियो, पोस्टर और सलाह (डीपफेक सहित) का व्यापक वितरण किया जाता है।
सरकार द्वारा साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई उपाय किए गए हैं। जैसे क्रिटिकल इंफोर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा हेतु नेशनल क्रिटिकल इंफोर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (एनसीआईआईपीसी) की स्थापना की गई है और इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी-इन) को साइबर सुरक्षा घटनाओं पर प्रतिक्रिया देने के लिए राष्ट्रीय एजेंसी के रूप में नामित किया गया है।
उन्होंने बताया कि सीईआरटी-इन उभरते खतरों, शमन रणनीतियों और डेटा सुरक्षा के सर्वोत्तम तरीकों पर नियमित रूप से साइबर सुरक्षा सलाह जारी करता है।
नेशनल साइबर कॉर्डिनेशन सेंटर (एनसीसीसी) साइबर सुरक्षा खतरों का पता लगाता है और विभिन्न एजेंसियों के साथ साइबर सुरक्षा खतरों को कम करने के लिए जानकारी साझा कर उनके बीच समन्वय को सुगम बनाता है।