क्या केंद्र ने एमएसई, स्टार्टअप्स और महिला उद्यमियों के लिए सरकारी ई-मार्केटप्लेस की पहुंच का विस्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- जेम पोर्टल की पहुंच में वृद्धि
- महिला उद्यमियों के लिए विशेष उपाय
- एमएसई के लिए नए मार्केटप्लेस फिल्टर
- वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए उच्च लेनदेन मूल्य
- उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए रणनीतिक समझौते
नई दिल्ली, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि केंद्र ने एमएसई, स्टार्टअप्स और महिला उद्यमियों के लिए सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जेम) की पहुंच को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं।
उन्होंने कहा कि इनमें प्रत्यक्ष खरीद/एल1 खरीद पद्धति में एमएसएमई, स्टार्टअप्स और महिला उद्यमियों द्वारा उत्पाद कैटलॉग को अलग करने के लिए मार्केटप्लेस फिल्टर और उत्पाद कैटलॉग आइकन का प्रावधान तथा मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) के लिए विक्रेता मूल्यांकन शुल्क में कमी शामिल है।
इसके अतिरिक्त, महिलाओं, स्टार्टअप्स, स्वयं सहायता समूहों, कारीगरों और बुनकरों के लिए 8 वोकलफॉरलोकल जीईएम आउटलेट स्टोर के निर्माण के माध्यम से अग्रिम बाजार संपर्क और जेम पोर्टल पर टू-स्टेप सेलर ऑटो रजिस्ट्रेशन के लिए उद्यम एमएसएमई डेटा के साथ एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) इंटीग्रेशन जैसे उपाय शामिल हैं।
राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने बताया कि सरकार प्रमुख संस्थाओं जैसे लघु उद्योग भारती, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री लेडीज ऑर्गनाइजेशन (एफएलओ), स्व-नियोजित महिला संघ (सेवा) और उद्योग, सरकार एवं गैर-लाभकारी क्षेत्र की अन्य संस्थाओं के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) के माध्यम से रणनीतिक संबंध स्थापित करने पर ध्यान दे रही है।
इसी तरह, इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन (आईटीपीओ)/ इंडिया एक्सपोजिशन मार्ट लिमिटेड (आईईएमएल) में आयोजित उद्योग प्रदर्शनियों, मेलों, रोडशो और आयोजनों में भागीदारी को भी बढ़ाया जा रहा है।
राज्य मंत्री ने बताया कि अनुसूचित जातियों और जनजातियों के उद्यमियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए जेम प्रत्यक्ष खरीद/एल1 खरीद पद्धति में अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों के उद्यमियों द्वारा उत्पाद कैटलॉग को अलग करने के लिए मार्केटप्लेस फिल्टर प्रदान करता है। इस प्रकार, सरकारी खरीदारों द्वारा सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) आदेश, 2012 के लिए सार्वजनिक खरीद नीतियों के अनुपालन को सुगम बनाता है।
10 लाख से अधिक एमएसई जेम पोर्टल से जुड़ चुके हैं और वित्त वर्ष 2024-25 में जेम पर कुल लेनदेन मूल्य लगभग 5.40 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया है।
यह प्लेटफॉर्म एम्स के लिए ड्रोन-एज-ए-सर्विस, 1.3 करोड़ से अधिक लोगों के लिए जीआईएस तथा बीमा और चार्टर्ड उड़ानों की वेट लीज़िंग तथा सीटी स्कैनर जैसी जटिल सेवाओं को भी सक्षम बना रहा है।
जेम को अब सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपना लिया गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश सबसे आगे है।