क्या 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत केंद्र ने 1,400 से अधिक फर्जी यूआरएल ब्लॉक किए?

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क्या 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत केंद्र ने 1,400 से अधिक फर्जी यूआरएल ब्लॉक किए?

सारांश

केंद्र सरकार ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत 1,400 से अधिक फर्जी यूआरएल को ब्लॉक किया है। ये यूआरएल झूठी और भ्रामक जानकारी फैलाने वाले थे, जो भारतीय सशस्त्र बलों के खिलाफ थे। जानें इस ऑपरेशन के बारे में और क्या कदम उठाए गए हैं।

Key Takeaways

  • 1,400 से अधिक फर्जी यूआरएल ब्लॉक किए गए हैं।
  • ऑपरेशन का उद्देश्य भारत की संप्रभुता की रक्षा करना है।
  • फैक्ट चेक यूनिट द्वारा गलत जानकारी की पहचान की गई।
  • सोशल मीडिया पर भ्रामक सामग्री का नियंत्रण आवश्यक है।
  • केंद्रीकृत कंट्रोल रूम ने रियल टाइम में सूचना प्रदान की।

नई दिल्ली, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस) । केंद्र सरकार ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत डिजिटल मीडिया पर 1,400 से अधिक फर्जी यूआरएल को ब्लॉक करने के आदेश जारी किए हैं। इन यूआरएल में झूठी, भ्रामक, और भारत विरोधी समाचार सामग्री, सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री (मुख्य रूप से पाकिस्तान से संचालित सोशल मीडिया अकाउंट्स) और भारतीय सशस्त्र बलों के खिलाफ भड़काऊ सामग्री शामिल थी। यह जानकारी बुधवार को संसद में दी गई।

केंद्रीय रेल और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि कुछ सोशल मीडिया हैंडल, जो कि कई भारत के बाहर से संचालित हो रहे थे, पहलगाम आतंकी हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान सक्रिय रूप से झूठी और संभावित रूप से हानिकारक जानकारी का प्रचार कर रहे थे।

उन्होंने कहा, "सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69ए के तहत, सरकार ने भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के हित में वेबसाइट, सोशल मीडिया हैंडल और पोस्ट को ब्लॉक करने के लिए आवश्यक आदेश जारी किए हैं।"

26 अप्रैल, 2025 को, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी मीडिया चैनलों को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की आवाजाही का सीधा प्रसारण न करने का परामर्श जारी किया था।

'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान, अन्तर-अनुशासनिक और अंतर्विभागीय समन्वय के लिए एक केंद्रीकृत कंट्रोल रूम स्थापित किया गया था। यह कंट्रोल रूम दिन के 24 घंटे और सात दिन कार्यरत था और सभी मीडिया हितधारकों को रियल टाइम में सूचना प्रसारित करने में सहायता करता था।

केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि इस कंट्रोल रूम में भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के नोडल प्रतिनिधि, विभिन्न सरकारी मीडिया इकाइयों के अधिकारी और प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) के अधिकारी शामिल थे। फर्जी खबरें और गलत सूचना फैलाने वाले सोशल मीडिया हैंडल और पोस्ट की सक्रिय रूप से पहचान की गई।

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा, "पीआईबी के अंतर्गत फैक्ट चेक यूनिट ने फर्जी तस्वीरों, एडिटेड वीडियो, भ्रामक बयानों और ऑपरेशन के उद्देश्यों, सरकारी एजेंसियों या सुरक्षा बलों को निशाना बनाने वाली किसी भी छेड़छाड़ की गई सामग्री का पता लगाने के लिए रियल टाइम में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन समाचार स्रोतों की सक्रिय रूप से निगरानी की।"

यूनिट ने भारत और भारतीय सशस्त्र बलों के विरुद्ध पाकिस्तानी दुष्प्रचार का पर्दाफाश किया और ऐसी सामग्री का खंडन करने वाले कई पोस्टों की तथ्य-जांच की।

इसके अतिरिक्त, 'ऑपरेशन सिंदूर' से संबंधित भ्रामक सूचनाओं या झूठी खबरों से संबंधित लिंक, जिनकी एफसीयू द्वारा तथ्य-जांच की गई थी, उचित कार्रवाई के लिए संबंधित मध्यस्थों के साथ तुरंत साझा किए गए।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और जनहित में हैं। सूचना का सही प्रवाह सुनिश्चित करना, खासकर संकट के समय, जरूरी है। इस तरह के प्रयास से सरकार की पारदर्शिता बढ़ती है और जनता में विश्वास कायम होता है।
NationPress
31/07/2025

Frequently Asked Questions

ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
ऑपरेशन सिंदूर एक सरकारी पहल है जिसमें फर्जी और भ्रामक जानकारी फैलाने वाले यूआरएल को ब्लॉक किया गया है।
सरकार ने कितने यूआरएल ब्लॉक किए?
सरकार ने 1,400 से अधिक फर्जी यूआरएल को ब्लॉक किया है।
यह कदम क्यों उठाया गया?
यह कदम भारत की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए उठाया गया है।
फैक्ट चेक यूनिट का क्या काम है?
फैक्ट चेक यूनिट फर्जी जानकारी और गलत सूचना की पहचान करने और उसे रोकने का कार्य करती है।
ऑपरेशन के दौरान क्या किया गया?
ऑपरेशन के दौरान एक केंद्रीकृत कंट्रोल रूम स्थापित किया गया था जो रियल टाइम में जानकारी प्रसारित करता था।