क्या केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को 1,01,603 करोड़ रुपए का कर हस्तांतरण किया?

सारांश
Key Takeaways
- केंद्र सरकार ने 1,01,603 करोड़ का कर हस्तांतरण किया।
- यह राशि राज्य सरकारों के विकास कार्य में सहायक होगी।
- उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक राशि प्राप्त हुई।
- यह हस्तांतरण त्योहारी सीजन में किया गया।
- केंद्र सरकार का कुल व्यय 15,63,625 करोड़ रुपए है।
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जानकारी दी कि चालू त्योहारी सीजन के मद्देनजर, केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को 1,01,603 करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर हस्तांतरण प्रदान किया है। यह राशि सामान्य मासिक हस्तांतरण से अलग है, जो कि 10 अक्टूबर को जारी की जाएगी।
मंत्रालय के अनुसार, त्योहारों के इस मौसम में यह निर्णय लिया गया है ताकि राज्य अपने पूंजीगत व्यय को बढ़ावा दे सकें और विकास एवं कल्याण के लिए आवश्यक खर्चों को पूरा कर सकें।
देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश को सर्वाधिक 18,227 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं, इसके बाद बिहार (10,219 करोड़ रुपए), मध्य प्रदेश (7,976 करोड़ रुपए), पश्चिम बंगाल (7,644 करोड़ रुपए), महाराष्ट्र (6,418 करोड़ रुपए) और राजस्थान (6,123 करोड़ रुपए) का स्थान रहा।
इसी प्रकार, आंध्र प्रदेश (4,112 करोड़ रुपए), ओडिशा (4,601 करोड़ रुपए), तमिलनाडु (4,144 करोड़ रुपए), कर्नाटक (3,705 करोड़ रुपए) और झारखंड (3,360 करोड़ रुपए) को भी महत्वपूर्ण अतिरिक्त राशि का हस्तांतरण हुआ।
इससे पहले, वित्त मंत्रालय ने बताया था कि केंद्र ने अप्रैल से जुलाई के बीच करों में हिस्सेदारी के रूप में राज्य सरकारों को 4,28,544 करोड़ रुपए का हस्तांतरण किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 61,914 करोड़ रुपए अधिक है।
इस समय के दौरान, केंद्र सरकार को 10,95,209 करोड़ रुपए प्राप्त हुए, जो 2025-26 के बजट अनुमानों का 31.3 प्रतिशत है।
इसमें से 6,61,812 करोड़ रुपए केंद्र को प्राप्त शुद्ध कर राजस्व, 4,03,608 करोड़ रुपए गैर-कर राजस्व और 29,789 करोड़ रुपए गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियां हैं। इस अवधि में केंद्र सरकार द्वारा किया गया कुल व्यय 15,63,625 करोड़ रुपए था, जो 2025-26 के बजट अनुमानों का 30.9 प्रतिशत है।
इस कुल राशि में से 12,16,699 करोड़ रुपए राजस्व खाते में और 3,46,926 करोड़ रुपए पूंजी खाते में हैं, जो प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर खर्च किए जाते हैं। कुल राजस्व व्यय में ब्याज भुगतान का योगदान 4,46,690 करोड़ रुपए रहा, जबकि प्रमुख सब्सिडी का योगदान 1,13,592 करोड़ रुपए रहा।