क्या खरीफ फसलों की बुवाई का कुल क्षेत्रफल 708 लाख हेक्टेयर के पार जा चुका है?

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क्या खरीफ फसलों की बुवाई का कुल क्षेत्रफल 708 लाख हेक्टेयर के पार जा चुका है?

सारांश

नई दिल्ली में कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, खरीफ फसलों की बुवाई का रकबा बढ़कर 708.31 लाख हेक्टेयर हो गया है। यह पिछले वर्ष के 580.38 लाख हेक्टेयर से अधिक है। यह वृद्धि किसानों की आय में सुधार लाने और खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद करेगी।

Key Takeaways

  • खरीफ फसलों का बुवाई क्षेत्रफल 708.31 लाख हेक्टेयर है।
  • पिछले वर्ष की तुलना में 127.93 लाख हेक्टेयर की वृद्धि।
  • किसानों की आय में सुधार की संभावना।
  • खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मददगार।
  • बेहतर मानसूनी बारिश का सकारात्मक प्रभाव।

नई दिल्ली, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, चालू सीजन में खरीफ फसलों की बुवाई का रकबा इस वर्ष अब तक 708.31 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह रकबा 580.38 लाख हेक्टेयर था।

बुवाई के रकबे में वृद्धि बेहतर उत्पादन के संकेत देती है, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी और खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष 18 जुलाई तक चावल की बुवाई का रकबा 176.68 लाख हेक्टेयर है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 157.21 लाख हेक्टेयर था।

उड़द और मूंग जैसी दालों की बुवाई का रकबा 81.98 लाख हेक्टेयर है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 80.13 लाख हेक्टेयर था। यह वृद्धि एक सकारात्मक प्रगति है क्योंकि दालों के उत्पादन में वृद्धि मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

ज्वार, बाजरा और रागी जैसे मोटे अनाजों का रकबा चालू सीजन में 133.65 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 117.66 लाख हेक्टेयर था।

बेहतर मानसूनी बारिश के कारण देश के असिंचित क्षेत्रों में बुवाई आसान हो गई है, जो देश की लगभग 50 प्रतिशत कृषि भूमि है, जिससे चालू सीजन में बुवाई का रकबा बढ़ा है।

गन्ने का रकबा भी पिछले वर्ष की इसी अवधि के 54.88 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 55.16 लाख हेक्टेयर हो गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने इस वर्ष 28 मई को विपणन सत्र 2025-26 के लिए 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दी, ताकि उत्पादकों को उनकी फसलों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके और उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा सके।

पिछले वर्ष की तुलना में एमएसपी में सबसे ज्यादा वृद्धि नाइजर्सीड के लिए 820 रुपए प्रति क्विंटल की गई है, इसके बाद रागी 596 रुपए प्रति क्विंटल, कपास 589 रुपए प्रति क्विंटल और तिल 579 रुपए प्रति क्विंटल है।

Point of View

NationPress
31/10/2025

Frequently Asked Questions

खरीफ फसलों की बुवाई का क्षेत्रफल कितना है?
इस वर्ष खरीफ फसलों की बुवाई का रकबा 708.31 लाख हेक्टेयर है।
पिछले वर्ष की तुलना में बुवाई में कितनी वृद्धि हुई है?
पिछले वर्ष इसी अवधि में बुवाई का रकबा 580.38 लाख हेक्टेयर था, जो अब बढ़कर 708.31 लाख हेक्टेयर हो गया है।
इस वृद्धि का किसानों पर क्या असर होगा?
यह वृद्धि किसानों की आय में सुधार लाएगी और खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद करेगी।