क्या एआई घातक हो सकता है? ओपनएआई पर आत्महत्या और मानसिक आघात के आरोप
सारांश
Key Takeaways
- ओपनएआई पर गंभीर आरोप लगे हैं।
- जीपीटी-4ओ मॉडल मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
- कंपनी सुरक्षा परीक्षणों को और अधिक कड़ा करने का आश्वासन दे रही है।
नई दिल्ली, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका की ओपनएआई कंपनी के खिलाफ कुछ परिवारों ने मुकदमा दायर किया है। परिवारों का आरोप है कि कंपनी ने अपने नवीनतम जीपीटी-4ओ मॉडल को जल्दबाजी में बाजार में उतारा। उनका कहना है कि इस मॉडल के कारण उनके प्रियजनों को मानसिक नुकसान हुआ और कुछ मामलों में तो आत्महत्या भी कर ली गई।
ओपनएआई ने मई 2024 में जीपीटी-4ओ मॉडल पेश किया था। टेकक्रंच की रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त में कंपनी ने जीपीटी-5 भी लांच किया। हालाँकि, चल रहे मुकदमे विशेष रूप से जीपीटी-4ओ को लेकर हैं। रिपोर्टों के अनुसार, यह मॉडल कभी-कभी उपयोगकर्ता की गलत या हानिकारक बातों से भी सहमति व्यक्त कर देता था, जिससे समस्या और बढ़ जाती थी।
कई परिवारों ने कहा है कि चैटजीपीटी ने उनके परिजनों के मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के बजाय और बढ़ा दिया। कुछ को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा और उन्हें मानसिक देखभाल की आवश्यकता पड़ी।
रिपोर्ट के अनुसार, मुकदमों में यह भी दावा किया गया है कि ओपनएआई ने बाजार में गूगल के जेमिनी को मात देने के लिए सुरक्षा परीक्षणों में जल्दबाजी की। इसी बीच, ओपनएआई ने अब तक इस रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की है। हाल के अदालती दस्तावेजों के अनुसार, चैटजीपीटी कभी-कभी परेशान या आत्महत्या के विचार रखने वाले लोगों को गलत दिशा में ले जाने के लिए प्रेरित कर सकता है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, ओपनएआई ने बताया था कि हर हफ्ते दस लाख से अधिक लोग चैटजीपीटी में आत्महत्या जैसे विषयों पर चर्चा करते हैं।
हाल ही में ओपनएआई ने कहा कि उसने 170 से अधिक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम किया है, ताकि चैटजीपीटी ऐसे मामलों में बेहतर प्रतिक्रिया दे सके, लोगों की भावनाओं को समझ सके और सही सहायता प्रदान कर सके।
कंपनी का कहना है कि भविष्य में आने वाले मॉडलों में वह सुरक्षा परीक्षण को और कड़ा और सटीक बनाएगी, ताकि ऐसे जोखिम कम किए जा सकें।