क्या एनुअल टोल पास से सालाना 7,000 रुपए की बचत संभव है? : नितिन गडकरी

सारांश
Key Takeaways
- एनुअल टोल पास से 7,000 रुपए की बचत संभव है।
- यह पास 200 यात्राओं के लिए मान्य है।
- यह केवल गैर-व्यावसायिक निजी वाहनों के लिए है।
- रिन्यू प्रक्रिया सरल और सुगम होगी।
- आने वाले समय में टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी।
नई दिल्ली, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को बताया कि एनुअल टोल पास के माध्यम से सामान्य नागरिकों को 7,000 रुपए तक की बचत करने में सहायता मिलेगी।
मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा, "इस एनुअल टोल पास के अंतर्गत आपको 200 यात्राएं करने की अनुमति दी गई है। प्रत्येक यात्रा का मतलब एक टोल पार करना है। यदि आप किसी टोल पर 50 रुपए खर्च करते हैं तो 200 यात्राओं के लिए आपको 10,000 रुपए खर्च करने होंगे। लेकिन, एनुअल पास की कीमत केवल 3,000 रुपए है। इस प्रकार, एक सामान्य व्यक्ति 7,000 रुपए तक की बचत कर सकेगा।"
गडकरी ने कहा, "यह एनुअल टोल पास केवल राष्ट्रीय राजमार्गों पर लागू होगा और इसे राज्यों की सड़कों पर लागू नहीं किया जाएगा।"
केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर कहा, "एक ऐतिहासिक पहल के तहत, 15 अगस्त 2025 से 3,000 रुपए का फास्टैग आधारित एनुअल पास शुरू किया जाएगा। यह पास एक वर्ष तक या 200 यात्राओं तक, जो भी पहले हो, मान्य रहेगा।"
उन्होंने आगे लिखा, "यह पास केवल गैर-व्यावसायिक निजी वाहनों (जैसे कार, जीप, वैन आदि) के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है और यह देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध यात्रा को संभव बनाएगा। एनुअल पास को रिन्यू करने के लिए जल्द ही राजमार्ग यात्रा ऐप और एनएचएआई/एमओआरटीएच की वेबसाइट्स पर एक अलग लिंक उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे प्रक्रिया सरल और सुगम होगी।"
इसके अलावा, गडकरी ने कहा कि हम एक नया सिस्टम पेश करने जा रहे हैं, जिसके तहत टोल प्लाजा पर गाड़ियों के रुकने की आवश्यकता नहीं होगी।
इससे पहले अप्रैल में, सरकार ने कहा था कि टोल प्लाजा पर वाहनों की निर्बाध और बिना किसी परेशानी के आवाजाही को सक्षम करने के लिए चुनिंदा टोल प्लाजा पर 'एएनपीआर-फास्टैग बेस्ट बैरियर-लैस टोलिंग सिस्टम' लागू किया जाएगा।
मंत्रालय ने बताया कि यह एडवांस टोलिंग सिस्टम 'ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन' (एएनपीआर) तकनीक और 'फास्टैग सिस्टम' का मिश्रण होगा। इस तकनीक के अंतर्गत वाहनों से टोल हाई परफॉर्मेंस वाले एएनपीआर कैमरा और फास्टैग रीडर्स के माध्यम से लिया जाएगा, जिससे वाहनों को टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी।