क्या भारतीय कंपनियों का जीवीए 2035 तक 9.82 ट्रिलियन डॉलर होगा? : रिपोर्ट

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क्या भारतीय कंपनियों का जीवीए 2035 तक 9.82 ट्रिलियन डॉलर होगा? : रिपोर्ट

सारांश

क्या भारतीय कंपनियों का जीवीए 2035 तक 9.82 ट्रिलियन डॉलर होगा? जानें इस महत्वपूर्ण रिपोर्ट में। वैश्विक आर्थिक परिवर्तन का लाभ उठाने के लिए व्यवसाय कैसे विविधीकरण कर रहे हैं?

Key Takeaways

  • 2035 तक जीवीए 9.82 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच सकता है।
  • मेक डोमेन में मैन्युफैक्चरिंग और औद्योगिक उत्पादन शामिल हैं।
  • जलवायु परिवर्तन और तकनीकी व्यवधान नए अवसर प्रदान कर रहे हैं।
  • व्यवसायों को विविधीकरण की आवश्यकता है।
  • भारत की अर्थव्यवस्था 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच सकती है।

नई दिल्ली, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के तेजी से परिवर्तित होने के साथ, भारतीय व्यवसाय 2035 तक ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) में 9.82 ट्रिलियन डॉलर का लाभ उठा सकते हैं। यह जानकारी हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में दी गई है।

पीडब्ल्यूसी इंडिया स्टडी के अनुसार, जीवीए में योगदान देने वाले सबसे प्रमुख क्षेत्रों में से एक 'मेक' डोमेन होगा, जिसमें अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ मैन्युफैक्चरिंग और औद्योगिक उत्पादन शामिल हैं।

रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि यह क्षेत्र 2023 के 945 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2035 तक लगभग 2.7 ट्रिलियन डॉलर का जीवीए प्राप्त करेगा।

पीडब्ल्यूसी इंडिया की रिपोर्ट, 'नेविगेटिंग द वैल्यू शिफ्ट' में उल्लेख किया गया है कि जलवायु परिवर्तन, जनसांख्यिकीय बदलाव और तकनीकी व्यवधान जैसे प्रमुख रुझान मूल्य सृजन के नए रास्ते खोल रहे हैं, जो पारंपरिक उद्योग सीमाओं से परे हैं।

इस परिदृश्य में, व्यवसाय तेजी से विकसित हो रहे वातावरण का लाभ उठाने के लिए विविधीकरण कर रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, "हालांकि, इस परिवर्तन को प्रभावी ढंग से नेविगेट करने के लिए उन्हें एक नए दृष्टिकोण की आवश्यकता है, ताकि वे पहचान सकें कि गतिशील मूल्य को प्राप्त करने के लिए कहां और कैसे विविधता लानी है। इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए, पीडब्ल्यूसी ने एक डोमेन-बेस्ड फ्रेमवर्क विकसित किया है जो इस नए युग में रणनीतिक-निर्णय लेने का मार्गदर्शन करेगा।"

डोमेन ऐसे बाजारों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जहां व्यवसाय मानवीय और औद्योगिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पारंपरिक क्षेत्र की सीमाओं से परे जाते हैं।

पीडब्ल्यूसी इंडिया के अध्यक्ष संजीव कृष्ण ने कहा, "भारत के सीईओ पहले से ही इन परिवर्तनों का जवाब दे रहे हैं। पीडब्ल्यूसी के 28वें 'एनुअल ग्लोबल सीईओ सर्वे: इंडिया पर्सपेक्टिव' में भारत के 40 प्रतिशत सीईओ ने कहा कि उनकी कंपनियों ने पिछले पांच वर्षों में कम से कम एक नए क्षेत्र में प्रवेश किया है, जिनमें से आधे ने इन नए उपक्रमों से अपने राजस्व का 20 प्रतिशत तक कमाया है।"

हालांकि, गति को बनाए रखने और पूर्ण मूल्य को पेश करने के लिए व्यवसायों को विविधीकरण से आगे बढ़ना होगा।

उन्होंने कहा, "क्षेत्र-आधारित दृष्टिकोण से परे एक डोमेन-आधारित लेंस क्षमताओं की पुनःकल्पना करने, इकोसिस्टम में सहयोग करने और फ्यूचर रेडी व्यवसाय और राजस्व मॉडल बनाने का एक प्रभावी तरीका प्रदान करता है।"

2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था के 30 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में डोमेन-बेस्ड इनोवेशन देश के समावेशी, सस्टेनेबल और टेक-पावर्ड विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

Point of View

यह देखना महत्वपूर्ण है कि भारतीय कंपनियों को वैश्विक आर्थिक परिवर्तनों के साथ खुद को ढालने का प्रयास करना चाहिए। जीवीए में वृद्धि के लिए व्यवसायों को न केवल विविधीकरण पर ध्यान देना होगा, बल्कि उन्हें नए दृष्टिकोणों और नवाचारों को अपनाना होगा। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिसे समावेशी और सतत विकास की दिशा में अग्रसर किया जा सकता है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

जीवीए क्या है?
जीवीए का मतलब ग्रॉस वैल्यू एडेड है, जो किसी क्षेत्र या उद्योग द्वारा उत्पन्न कुल मूल्य को दर्शाता है।
भारतीय कंपनियों का जीवीए कब 9.82 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच सकता है?
भारतीय कंपनियों का जीवीए 2035 तक 9.82 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है।
पीडब्ल्यूसी इंडिया ने इस रिपोर्ट में क्या कहा है?
रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन, जनसांख्यिकीय बदलाव और तकनीकी व्यवधान के प्रभावों का उल्लेख किया गया है।
मेक डोमेन में कौन से क्षेत्र शामिल हैं?
मेक डोमेन में मैन्युफैक्चरिंग और औद्योगिक उत्पादन जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
भारत की अर्थव्यवस्था 2047 तक कितनी हो सकती है?
2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था 30 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है।