क्या टेक्नोलॉजी को इंसानियत की सेवा करनी चाहिए? : अरुंधति भट्टाचार्य, प्रेसिडेंट और सीईओ, सेल्सफोर्स साउथ एशिया
सारांश
Key Takeaways
- टेक्नोलॉजी का उद्देश्य मानवता की सेवा करना होना चाहिए।
- एआई में नैतिकता और जिम्मेदारी का होना जरूरी है।
- डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का सही उपयोग फाइनेंशियल इनक्लूजन में सहायक हो सकता है।
- स्थानीय भाषाओं और संस्कृतियों का सम्मान करना आवश्यक है।
- टेक्नोलॉजी में गार्डरेल्स को समझना और अपनाना चाहिए।
मुंबई, ४ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। एशिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दिशा में तेजी से चल रहे कदमों पर सेल्सफोर्स साउथ एशिया की प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य ने चेतावनी दी है कि इस क्षेत्र में टेक्नोलॉजी की अगली प्रगति में मानविक दृष्टिकोण वाले डिज़ाइन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
मिंट ऑल अबाउट टेक4गुड्स अवार्ड्स में बिजनेस लीडर्स और पॉलिसीमेकर्स को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि डिजिटल वित्त, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा में प्रगति इतनी तेजी से हो रही है कि इसके लिए नए सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, "टेक्नोलॉजी को मानवता की सेवा करनी चाहिए," और कंपनियों से अपने एआई सिस्टम की बुनियाद में नैतिकता, गोपनीयता और जिम्मेदारी को शामिल करने का आग्रह किया।
यह कार्यक्रम, जो अब अपने दूसरे वर्ष में है, में सिंगापुर, मलेशिया, फिलीपींस और भारत के इनोवेटर्स शामिल हुए।
भट्टाचार्य, जो पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की प्रमुख रहीं, ने कहा कि उन्होंने टेक्नोलॉजी को अंदर से आर्थिक प्रणाली को नया आकार देते देखा है। उन्होंने कहा कि फाइनेंशियल इनक्लूजन में भारत का अनुभव यह दर्शाता है कि कैसे डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर पूरी समुदाय को ऊँचा उठा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि आधार-आधारित पहचान, बड़े पैमाने पर मोबाइल एक्सेस और तुरंत भुगतान के संयोजन ने कुछ ही वर्षों में दुनिया के सबसे बड़े फाइनेंशियल इनक्लूजन प्रोग्राम
उन्होंने कहा, “मैंने अपनी आंखों से देखा है कि टेक्नोलॉजी कैसे संभावनाएं जगा सकती है और समुदाय को जमीन से ऊपर उठा सकती है।”
उनके अनुसार, जेनरेटिव एआई और मशीन लर्निंग जैसे उपकरण स्वास्थ्य देखभाल में निदान को तेज कर सकते हैं, अडैप्टिव लर्निंग के जरिए शिक्षा तक पहुँच बढ़ा सकते हैं और सरकारों को तेजी से सेवाएँ प्रदान करने में मदद कर सकते हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि वही टेक्नोलॉजी, अगर बिना स्पष्ट फ्रेमवर्क के इस्तेमाल की जाएं तो भेदभाव बढ़ा सकती हैं, गोपनीयता को खत्म कर सकती हैं या नियमन से आगे निकल सकती हैं।
उन्होंने कहा, “यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि टेक्नोलॉजी मानवता की सेवा करे।”
इस वर्ष इस क्षेत्र में सॉवरेन एआई मॉडल्स पर ध्यान केंद्रित हुआ है, जो राष्ट्रीय नीति और वैश्विक प्लेटफार्मों के प्रभाव को लेकर चिंताओं के कारण हुआ है।
भट्टाचार्य ने कहा कि स्थानीय स्तर पर प्रवृत्तियों का ध्यान रखना भाषाओं, संस्कृतिक बारीकियों और लंबे समय तक चलने वाली मजबूती के लिए मायने रखेगा। उन्होंने डेवलपर्स और व्यवसायों से कहा कि वे गार्डरेल्स को रुकावट न समझें, बल्कि लंबे समय तक भरोसे के लिए 'जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर' समझें।