क्या एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया अपने आईपीओ के जरिए 15 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी?

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क्या एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया अपने आईपीओ के जरिए 15 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी?

सारांश

एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया 15% हिस्सेदारी का आईपीओ लाने जा रही है, जो उसकी भारतीय इकाई की वित्तीय स्थिति को मजबूती प्रदान करेगा। यह आईपीओ 1.28 अरब डॉलर तक का हो सकता है। जानिए इस आईपीओ का क्या महत्व है और यह भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार पर क्या प्रभाव डालेगा।

Key Takeaways

  • एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स अपनी भारतीय इकाई का 15% हिस्सा बेचेगा।
  • आईपीओ का आकार लगभग 1.28 अरब डॉलर हो सकता है।
  • सेबी से मंजूरी के बाद आईपीओ प्रक्रिया पूरी होगी।
  • बिक्री के बाद भारतीय इकाई में एलजी की हिस्सेदारी 85% रहेगी।
  • भारतीय उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।

सोल, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण कोरिया की प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स ने मंगलवार को यह घोषणा की कि वह अपनी भारतीय शाखा के आईपीओ के माध्यम से 15 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी।

कंपनी ने बताया कि उसकी भारतीय इकाई की इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) की प्रक्रिया अगले महीने की शुरुआत में पूर्ण होने की संभावना है।

दक्षिण कोरियाई समाचार एजेंसी योनहाप के उद्योग सूत्रों के अनुसार, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड का आईपीओ 1.28 अरब डॉलर (लगभग 11,300 करोड़ रुपए) का हो सकता है।

एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स ने कहा कि उसके बोर्ड ने आईपीओ प्रक्रिया के तहत सहायक कंपनी में 15 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लिया है। हालाँकि, बिक्री की तारीख और मूल्य निर्धारण का विवरण अभी तक तय नहीं किया गया है।

कंपनी भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को अपनी अंतिम सिक्योरिटीज रिपोर्ट प्रस्तुत करने की योजना बना रही है। सेबी की अंतिम मंजूरी मिलने के बाद यह पेशकश पूरी होने की उम्मीद है।

एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स ने दिसंबर में प्रारंभिक लिस्टिंग आवेदन जमा करके आईपीओ प्रक्रिया शुरू की थी और मार्च में सेबी से सशर्त स्वीकृति प्राप्त की थी।

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस सहित कई विश्लेषकों का कहना है कि भारतीय इकाई की लिस्टिंग से एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स की वित्तीय स्थिति और मजबूत होगी।

प्रेस रिलीज में कहा गया है कि आईपीओ के बाद, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स की भारतीय इकाई में हिस्सेदारी 85 प्रतिशत रह जाएगी।

एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया भारत में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में काम कर रही है। कंपनी के पास फ्रिज, एसी, टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स में मजबूत बाजार हिस्सेदारी है। इसका मुकाबला टाटा ग्रुप की वोल्टास, गोदरेज, सैमसंग और व्हर्लपूल जैसी कंपनियों से है।

भारत में उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं की बढ़ती मांग ने स्थानीय शेयर बाजार में वैश्विक कंपनियों की रुचि को बढ़ावा दिया है। पिछले वर्ष, दक्षिण कोरिया की अन्य कंपनी हुंडई मोटर ने अपनी भारतीय इकाई की लिस्टिंग के माध्यम से रिकॉर्ड 3.3 अरब डॉलर जुटाए थे।

Point of View

यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस आईपीओ का भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग पर कितना प्रभाव पड़ेगा।
NationPress
30/09/2025

Frequently Asked Questions

एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स का आईपीओ कब आएगा?
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स का आईपीओ अगले महीने की शुरुआत में आने की उम्मीद है।
आईपीओ से कंपनी को कितनी राशि प्राप्त हो सकती है?
कंपनी के आईपीओ का आकार लगभग 1.28 अरब डॉलर (लगभग 11,300 करोड़ रुपए) हो सकता है।
बिक्री के बाद एलजी की हिस्सेदारी कितनी रहेगी?
आईपीओ के बाद, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स की भारतीय इकाई में हिस्सेदारी 85 प्रतिशत रह जाएगी।
क्या इस आईपीओ से भारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी?
हाँ, इस आईपीओ से भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
कंपनी को सेबी से कब मंजूरी मिली थी?
कंपनी को मार्च में सेबी से सशर्त स्वीकृति प्राप्त हुई थी।