क्या मलेशिया में भारतीय जल्द ही यूपीआई का उपयोग कर पाएंगे?
सारांश
Key Takeaways
- यूपीआई का मलेशिया में उपयोग भारतीय यात्रियों के लिए सरल बनाएगा।
- यह कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देगा।
- मलेशियाई व्यापारियों के लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था में शामिल होने का मौका।
- भारतीयों को विदेशी मुद्रा की लागत में कमी का लाभ मिलेगा।
- यह आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगा।
बेंगलुरू, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मलेशिया की यात्रा करने वाले भारतीय जल्द ही यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का उपयोग कर सकेंगे। रेजरपे द्वारा यह जानकारी दी गई है, जो भारत के डिजिटल पेमेंट नवाचार को वैश्विक स्तर पर ले जाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
रेजरपे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "इनोवेशन की कोई सीमा नहीं होती। भारत की फिनटेक लीडरशिप में एक नया अध्याय खुल रहा है।"
कंपनी द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, रेजरपे की मलेशियाई सब्सिडियरी कर्लेक और एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड के बीच एक साझेदारी हुई है।
यह एग्रीमेंट 7 से 9 अक्टूबर तक चले ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 के दौरान फाइनल किया गया, जो कि यूपीआई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार करने की दिशा में एक मील का पत्थर है।
इस पहल के साथ, मलेशिया की यात्रा पर जाने वाले लाखों भारतीय अपने यूपीआई ऐप का उपयोग कर स्थानीय व्यवसायों को त्वरित और सरल भुगतान कर सकेंगे। उन्हें अंतरराष्ट्रीय कार्ड या मुद्रा विनिमय से संबंधित किसी भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।
आंकड़े बताते हैं कि पिछले वर्ष 2024 में 10 लाख से अधिक भारतीय मलेशिया की यात्रा पर गए, जहाँ उन्होंने 110 अरब से अधिक राशि खर्च की। यह पिछले वर्ष की तुलना में 71.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
दोनों देशों के बीच यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, विजिटर्स के लिए एक आसान, कैशलेस और किफायती भुगतान समाधान की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, जिसे ध्यान में रखते हुए इस कदम को उठाया गया।
मलेशिया में यूपीआई के उपयोग से लेनदेन सरल और सहज हो जाएगा। इसके अलावा, इससे विदेशी मुद्रा की लागत में कमी आएगी। इससे मलेशिया की यात्रा करने वाले भारतीयों और स्थानीय व्यापारियों को उनकी बिक्री बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
रेजरपे कर्लेक के सीईओ केविन ली ने कहा कि मलेशिया में यूपीआई की शुरुआत से यात्रियों के लिए उनकी खरीदारी के लिए खर्च करना आसान हो जाएगा, साथ ही मलेशियाई व्यापार को डिजिटल अर्थव्यवस्था में ढलने में मदद मिलेगी।
इस विकास पर रेजरपे के प्रबंध निदेशक और सह-संस्थापक शशांक कुमार ने कहा, "यूपीआई ने भारत में भुगतान करने का तरीका पूरी तरह से बदल दिया है, यह दिखाता है कि जब नवाचार और समावेश एक साथ आते हैं, तो क्या संभव हो सकता है।"