क्या एमसीए ने वित्त वर्ष 25 की एनुअल फाइलिंग की डेडलाइन 31 जनवरी तक बढ़ाई?

Click to start listening
क्या एमसीए ने वित्त वर्ष 25 की एनुअल फाइलिंग की डेडलाइन 31 जनवरी तक बढ़ाई?

सारांश

कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2024-25 की एनुअल फाइलिंग की डेडलाइन बढ़ाकर 31 जनवरी, 2026 कर दी है। इस निर्णय से कंपनियों को फाइलिंग के लिए अतिरिक्त समय मिला है। तकनीकी समस्याओं के चलते समय पर फाइलिंग कठिन हो रही थी।

Key Takeaways

  • डेडलाइन बढ़ाकर 31 जनवरी, 2026 की गई है।
  • टेक्निकल दिक्कतों के कारण यह निर्णय लिया गया।
  • किसी भी फाइलिंग पर लेट फीस नहीं लगेगी।
  • कई ई-फॉर्म को शामिल किया गया है।
  • कंपनियों को अतः बेहतर तैयारी का अवसर मिलेगा।

नई दिल्ली, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) ने मंगलवार को कंपनीज एक्ट के तहत वित्तीय विवरण और सालाना रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन को 31 जनवरी, 2026 तक बढ़ा दिया है, जिससे कंपनियों को अपनी जरूरी फाइलिंग पूरी करने के लिए और समय मिल गया है।

31 दिसंबर की डेडलाइन को ऐसे समय पर बढ़ाया गया है जब बड़ी संख्या में उपयोगकर्ताओं ने एमसीए पोर्टल पर तकनीकी समस्याओं की शिकायत की थी।

करदाताओं ने बार-बार टाइमआउट, खराबी और सिस्टम एरर की रिपोर्ट की, जिससे दस्तावेज़ अपलोड करना और समय पर सबमिशन पूरा करना मुश्किल हो गया।

यह विस्तार वित्त वर्ष 2024-25 की सालाना फाइलिंग पर लागू होता है, जिसे कंपनियों को कंपनीज एक्ट के तहत हर साल जमा करना होता है।

इन फाइलिंग में कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन और कानूनी अनुपालन से जुड़े जरूरी डिस्क्लोजर शामिल हैं।

आधिकारिक बयान में मंत्रालय ने कहा कि पक्षकारों के प्रतिनिधियों से मिलने के बाद, कम्पेटेंट अथॉरिटी ने कंपनियों को बिना किसी अतिरिक्त फीस के 31 जनवरी, 2026 तक अपनी सालाना फाइलिंग पूरी करने की इजाजत देने का निर्णय लिया है।

एमसीए ने स्पष्ट कहा है कि रिवाइज्ड डेडलाइन के अंदर की गई किसी भी फाइलिंग पर लेट फीस नहीं लगेगी।

बढ़ाई गई टाइमलाइन में कई खास ई-फॉर्म शामिल हैं, जिनमें एमजीटी-7, एमजीटी-7ए, एओसी-4, एओसी-4 सीएफएस, एओसी-4 एनबीएफसी (आईएनडी एएस), एओसी-4 सीएफएस एनबीएफसी (आईएनडी एएस), और एओसी-4 (एक्सबीआरएल) शामिल हैं।

मंत्रालय ने यह भी कहा कि उसके पहले के जनरल सर्कुलर नंबर 06/2025 में बताई गई बाकी सभी शर्तें वैसी ही रहेंगी और सिर्फ फाइलिंग की डेडलाइन में ढील दी गई है।

एमसीए फाइलिंग का मतलब कंपनियों और एलएलपी द्वारा एमसीए पोर्टल के माध्यम से रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को कानूनी दस्तावेज, वित्तीय विवरण और रिटर्न जमा करने की अनिवार्य प्रक्रिया से है।

यह फाइलिंग नियामकों को कंपनी की वित्तीय स्थिति, शासन संरचना और अनुपालन स्थिति पर नजर रखने में मदद करती हैं और कंपनी की वैधानिक स्थिति बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं।

Point of View

NationPress
30/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या एमसीए ने फाइलिंग डेडलाइन बढ़ाई है?
हाँ, एमसीए ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की एनुअल फाइलिंग की डेडलाइन 31 जनवरी, 2026 तक बढ़ा दी है।
यह डेडलाइन बढ़ाने का कारण क्या है?
यह निर्णय तकनीकी समस्याओं के कारण किया गया है, जिससे कंपनियों को समय पर फाइलिंग करने में कठिनाई हो रही थी।
क्या लेट फीस लगेगी?
नहीं, बढ़ी हुई डेडलाइन के अंतर्गत की गई फाइलिंग पर कोई लेट फीस नहीं लगेगी।
कौन से ई-फॉर्म शामिल हैं?
इसमें एमजीटी-7, एमजीटी-7ए, एओसी-4 और अन्य महत्वपूर्ण ई-फॉर्म शामिल हैं।
इस निर्णय का क्या प्रभाव पड़ेगा?
यह निर्णय कंपनियों को अपनी फाइलिंग पूरी करने के लिए और समय देगा, जिससे वे बेहतर तैयारी कर सकेंगी।
Nation Press