क्या हिसार के दो ठगों ने दिल्ली की महिला के साथ फ्राॅड किया?

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क्या हिसार के दो ठगों ने दिल्ली की महिला के साथ फ्राॅड किया?

सारांश

दिल्ली पुलिस ने हरियाणा के दो ठगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने एक स्टॉक ट्रेडिंग ऐप के माध्यम से एक महिला से 22.7 लाख रुपए की ठगी की। यह मामला साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को उजागर करता है।

Key Takeaways

  • साइबर धोखाधड़ी
  • सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से सावधान रहें।
  • निवेश के प्रस्तावों की पूरी जांच करें।
  • दिल्ली पुलिस ने प्रभावी कार्रवाई की।
  • जागरूकता जरूरी है।

नई दिल्ली, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि हरियाणा से दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों ने एक स्टॉक ट्रेडिंग ऐप के माध्यम से दिल्ली की एक महिला से 22.7 लाख रुपए की ठगी की थी।

शाहदरा के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस प्रशांत गौतम ने जानकारी दी कि आरोपियों की पहचान समीर और देव सिंह के रूप में हुई है। दोनों हिसार के निवासी हैं। उनके पास से दो मोबाइल फोन और तीन सिम कार्ड भी बरामद किए गए हैं।

डॉ. अमिता गर्ग की शिकायत की जांच के दौरान यह पता चला कि ठग सोशल मीडिया, व्हाट्सएप या टेलीग्राम के जरिए पीड़ितों से संपर्क करते थे और खुद को एक्सपर्ट ट्रेडर या फाइनेंशियल एडवाइजर बताते थे।

वे स्टॉक मार्केट में निवेश पर गारंटीड ज्यादा रिटर्न का वादा करते थे। पुलिस ने बताया कि शुरुआत में वे पीड़ित से थोड़ी रकम निवेश करने के लिए कहते थे और भरोसा जीतने के लिए नकली प्रॉफिट दिखाते थे या कुछ पैसे वापस भी कर देते थे।

एक बार भरोसा बन जाने के बाद, पीड़ितों को ज्यादा फायदा कमाने के लिए बड़ी रकम निवेश करने के लिए मनाया जाता था। बड़े निवेश के बाद पीड़ित को भारी नुकसान दिखाया जा सकता है या बताया जाता है कि टैक्स या कंप्लायंस इश्यू के कारण अकाउंट फ्रीज कर दिया गया है।

पुलिस ने बताया कि जब ठग ज्यादा से ज्यादा पैसा पा लेते थे, तो वे जवाब देना बंद कर देते थे या पीड़ित को ब्लॉक कर देते थे। इसके लिए उन्हें बहुत सारे बैंक अकाउंट की जरूरत होती थी, इसलिए वे लोगों को पैसों का लालच देकर बैंक अकाउंट खोलने या एक्सेस देने के लिए कहते थे।

गर्ग ने 13 नवंबर को 22.7 लाख रुपए के साइबर फ्रॉड के बारे में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस स्टेशन साइबर शाहदरा में ई-एफआईआर दर्ज की गई।

अपनी शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया था। इस ग्रुप में पांच एडमिन थे, जो डी-मार्ट शेयरों के बारे में बात करते थे।

ग्रुप के एक एडमिन ने अपने ऐप के जरिए निवेश का एक प्लान दिया, जिसका नाम यालिनी गुना था। पुलिस ने बताया कि शिकायतकर्ता ने लिंक के जरिए एक एप्लिकेशन इंस्टॉल किया था।

शुरुआत में उन्होंने अलग-अलग तारीखों में 11 ट्रांजैक्शन के जरिए लगभग 2.7 लाख रुपए निवेश किए। लेकिन जब उन्होंने अपनी रकम निकालने की कोशिश की, तो उन्होंने कई बहाने बनाए और शिकायतकर्ता पर और पैसे निवेश करने का दबाव डाला, पुलिस ने बताया।

इस तरह शिकायतकर्ता ने कुल 22.7 लाख रुपए निवेश किए। उसके बाद उन्होंने शिकायतकर्ता को उस ऐप पर ब्लॉक कर दिया, पुलिस ने बताया।

जांच के दौरान शिकायतकर्ता से उन अकाउंट की डिटेल्स ली गईं, जिनमें ट्रांजैक्शन किए गए थे। पुलिस ने बताया कि एनसीआरपी पोर्टल के रिकॉर्ड की जांच करने पर पता चला कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र के एक अकाउंट में दो ट्रांजैक्शन के जरिए पैसे जमा किए गए थे।

इस अकाउंट होल्डर की पहचान हरियाणा के हिसार के निवासी समीर के रूप में हुई। इस दौरान उसका मोबाइल नंबर भी मिल गया। पुलिस ने बताया कि नंबर का सीडीआर निकाला गया और पाया गया कि इस स्कैम में कुछ और संदिग्ध मोबाइल नंबर इस्तेमाल किए जा रहे थे।

दिल्ली पुलिस की एक टीम हरियाणा के हिसार पहुंची, और संदिग्धों की पहचान समीर और देव सिंह के रूप में हुई। पुलिस ने बताया कि स्कैम में उनकी भूमिका कन्फर्म होने के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया।

Point of View

लेकिन इसे रोकने के लिए लोगों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। इस तरह के मामलों में जागरूकता अत्यंत आवश्यक है।
NationPress
30/12/2025

Frequently Asked Questions

इन ठगों ने किस तरह से धोखाधड़ी की?
ठगों ने सोशल मीडिया और व्हाट्सएप के माध्यम से पीड़ितों से संपर्क किया और खुद को वित्तीय सलाहकार बताकर निवेश का लालच दिया।
पुलिस ने आरोपियों को कब गिरफ्तार किया?
पुलिस ने आरोपियों को हाल ही में गिरफ्तार किया, जब डॉ. अमिता गर्ग ने शिकायत दर्ज कराई।
क्या ऐसे ठगी से बचने के उपाय हैं?
साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्क रहना आवश्यक है, किसी भी अनजान निवेश के प्रस्ताव पर विचार करने से पहले पूरी जांच करें।
क्या यह मामला बड़ा है?
हां, यह मामला साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को दर्शाता है और इसकी गंभीरता को समझना आवश्यक है।
दिल्ली पुलिस की कार्रवाई कैसी रही?
दिल्ली पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया और मामले की जांच जारी है।
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