क्या बंगाल को तुष्टिकरण की राजनीति में तंग और तबाह किया जा रहा है: दिलीप जायसवाल?
सारांश
Key Takeaways
- बंगाल चुनावों में सियासी बयानबाजी तेज है।
- दिलीप जायसवाल ने ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए।
- टीएमसी सरकार ने तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया गया है।
- बंगाल की जनता अपने असली चेहरे को पहचानती है।
- उपमुख्यमंत्री ने संस्कृति की रक्षा की बात की।
पटना, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आगामी पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर राजनीतिक बयानबाजी में तेजी आई है। इस क्रम में बिहार सरकार के मंत्री एवं भाजपा नेता दिलीप जायसवाल ने मंगलवार को टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) सरकार पर निशाना साधा।
भाजपा नेता दिलीप जायसवाल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "जब सीएम ममता बनर्जी को अपनी कुर्सी खतरे में दिखाई देती है और उन्हें लगता है कि बंगाल में टीएमसी की विदाई निश्चित है, तो उन्हें सनातन धर्म और मंदिर की याद आ जाती है। सभी ने देखा है कि भाजपा के दबाव में उन्होंने चंदा देना शुरू किया। यह सब एक राजनीतिक दुकानदारी है। बस इसी के लिए वे ऐसी बातें करती हैं, लेकिन बंगाल को तुष्टिकरण की राजनीति में तंग और तबाह किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, "बंगाल की जनता ममता बनर्जी के असली चेहरे को पहचानती है। उनका असली चेहरा घुसपैठियों को मतदाता बना कर प्रदेश में राज करना है। अब प्रदेश की जनता इन घुसपैठियों को किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं करेगी।"
इससे पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "निश्चित तौर पर बंगाल सरकार कहीं न कहीं पूरे मां भारती के संतानों को डरा रही है। जिस प्रकार से तुष्टिकरण की राजनीति में बंगाल की संस्कृति और भारतीय सभ्यता पर प्रश्नचिन्ह उठ रहे हैं और वातावरण को दूषित किया जा रहा है, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कथन सत्य है। बंगाल का यह स्वभाव नहीं रहा है। बंगाल में भारत की गौरव गाथा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लोग रहे हैं। हर बंगाली का मन राष्ट्रीयता से ओत-प्रोत रहा है, लेकिन वर्तमान सरकार का स्वरूप हर भारतीय को लज्जित कर रहा है।"
विजय सिन्हा ने अमित शाह के असम में घुसपैठ की समस्या पर दिए बयान का समर्थन करते हुए कहा, "निश्चित तौर पर असम के अंदर जो परिवर्तन हुआ और घुसपैठ की समस्या पर रोक लगी, वहां भारतीयता का भाव बना। भाजपा सरकार असम में मजबूती प्रदान करेगी।"