क्या असम राइफल्स की तत्परता ने जयरामपुर में बड़े हादसे को टाला?
सारांश
Key Takeaways
- असम राइफल्स की त्वरित कार्रवाई से एक बड़ा अग्निकांड टला।
- स्थानीय संपत्तियों और दवाइयों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई।
- यह घटना सिविल-मिलिट्री सहयोग का एक बेहतरीन उदाहरण है।
- आग पर काबू पाने के लिए समर्पित प्रयास किए गए।
- ऑपरेशन सद्भावना के अंतर्गत स्थानीय समुदाय के लिए विकास कार्य किए जा रहे हैं।
ईटानगर, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले के जयरामपुर कस्बे में असम राइफल्स की त्वरित और सतर्क कार्रवाई से एक बड़े अग्निकांड को टाल दिया गया। समय पर उठाए गए कदमों से न केवल लोगों की जान बचाई गई, बल्कि आसपास की संपत्तियों और दुकानों को भी नुकसान से सुरक्षित रखा गया।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि जयरामपुर में एक मेडिकल स्टोर में आग लग गई थी, जिससे आसपास के इलाकों में भारी खतरा उत्पन्न हो गया था। आग की सूचना मिलते ही असम राइफल्स के जवान तुरंत मौके पर पहुँचे।
क्विक रिएक्शन टीम पानी की पाइप लाइनों और अग्निशामक उपकरणों के साथ घटनास्थल पर पहुँचकर आग बुझाने का अभियान शुरू किया। कठिन परिस्थितियों के बावजूद जवानों ने समन्वय और तेजी से काम करते हुए आग को फैलने से पहले ही बुझा दिया।
लेफ्टिनेंट कर्नल रावत ने कहा कि जवानों की तत्परता से मूल्यवान दवाइयों, इमारत और आसपास की दुकानों को बचा लिया गया, और किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। यह घटना सुरक्षा बनाए रखने के साथ-साथ संकट की घड़ी में स्थानीय समुदाय की मदद करने के प्रति असम राइफल्स की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
उन्होंने कहा कि यह घटना सिविल-मिलिट्री सहयोग का उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसकी स्थानीय लोगों और प्रशासन ने सराहना की है।
इस बीच, भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश के अपर सुबनसिरी जिले के दूरस्थ सीमावर्ती गाँव ताकसिंग में ‘ऑपरेशन सद्भावना’ के तहत वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के अंतर्गत एक दोमंजिला होमस्टे का निर्माण किया है। रक्षा प्रवक्ता के अनुसार, इस सुविधा को स्थानीय समुदाय को समर्पित किया गया है।
लेफ्टिनेंट कर्नल रावत ने बताया कि इस परियोजना को स्पीयर कॉर्प्स की स्पीयरहेड डिवीजन द्वारा क्रियान्वित किया गया है, जिसका उद्देश्य सामुदायिक कल्याण को मजबूत करना, टिकाऊ आजीविका के अवसर पैदा करना और सीमा पर्यटन को बढ़ावा देना है।