क्या पश्चिम बंगाल में एसआईआर के तहत 2 लाख से अधिक दावे-आपत्तियां दर्ज हुईं? टीएमसी सबसे आगे
सारांश
Key Takeaways
- पश्चिम बंगाल में एसआईआर के तहत 20,7001 दावे और आपत्तियां दर्ज की गईं।
- टीएमसी ने सबसे अधिक 77,091 दावे किए।
- सुनवाई का चरण 27 दिसंबर से शुरू हुआ।
- दावा-आपत्ति की अवधि 15 जनवरी 2026 तक जारी रहेगी।
- मतदाता संख्या 7,08,16,630 है।
कोलकाता, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत मतदाता सूची की प्रक्रिया तीव्र गति से चल रही है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), पश्चिम बंगाल द्वारा जारी दैनिक बुलेटिन के अनुसार, 17 दिसंबर से 30 दिसंबर तक राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त दावों और आपत्तियों की कुल संख्या 20,7001 पहुँच गई है।
ड्राफ्ट मतदाता सूची में कुल 7,08,16,630 मतदाताओं के नाम सम्मिलित हैं। इसमें राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पार्टियों द्वारा ब्लॉक लेवल एजेंट्स (बीएलए) के माध्यम से दिए गए दावे प्रमुखता से शामिल हैं। बुलेटिन के मुताबिक, भाजपा ने सबसे अधिक 60,186 दावे/आपत्तियां दर्ज कीं, जिनमें से केवल 1 नाम को शामिल करने और 0 को हटाने के लिए था।
ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने 77,091 दावे/आपत्तियां दाखिल कीं, जिनमें 3 नामों को शामिल करने का अनुरोध किया गया और कोई नाम हटाने का नहीं। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) ने 49,079 दावे दिए, जिनमें 2 नाम शामिल करने के लिए थे। कांग्रेस ने 18,733 दावे दर्ज किए, लेकिन कोई नाम शामिल या हटाने का स्पष्ट अनुरोध नहीं था। अन्य पार्टियों जैसे बहुजन समाज पार्टी (21), ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (1,885) आदि ने भी सीमित दावे किए।
कुल मिलाकर राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त 8 नामों को शामिल करने की मांग की गई, जबकि कोई नाम हटाने की मांग नहीं की गई। बुलेटिन में स्पष्ट किया गया है कि ब्लॉक लेवल एजेंट्स द्वारा सामान्य शिकायतें बिना निर्धारित फॉर्म (फॉर्म 6 या 7) के दर्ज नहीं मानी जातीं।
इसके अलावा, आम मतदाताओं से प्राप्त फॉर्म 6 (नाम जोड़ने के लिए) की संख्या 1,64,314 और फॉर्म 7 (नाम हटाने के लिए) की 35,102 बताई गई है। ड्राफ्ट प्रकाशन से पहले प्राप्त फॉर्म 6 की संख्या 3,31,075 और फॉर्म 7 की 56,867 थी।
आयोग के अनुसार दावा-आपत्ति अवधि 15 जनवरी 2026 तक जारी रहेगी। सुनवाई का चरण 27 दिसंबर से शुरू हो चुका है, जिसमें करीब 31-32 लाख 'अनमैप्ड' मतदाताओं (जिनके नाम 2002 की पुरानी सूची से नहीं जुड़ सके) को नोटिस भेजे गए हैं। राज्य भर में 3,200 से अधिक केंद्रों पर सुनवाई चल रही है, जहां लंबी कतारें लगी हुई हैं।