क्या मोदी सरकार ने सुशासन की दिशा में 5 डिजिटल सुधारों की शुरुआत की?
सारांश
Key Takeaways
- सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने के लिए 5 डिजिटल सुधार शुरू किए गए हैं।
- पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण से संबंधित जानकारी को एक जगह उपलब्ध कराया गया है।
- एआई आधारित भर्ती टूल सरकारी भर्तियों में सुधार करेगा।
- ई-एचआरएमएस ऐप से सरकारी कर्मचारियों को सेवाओं की जानकारी मिलेगी।
- कर्मयोगी डिजिटल लर्निंग लैब 2.0 उच्च गुणवत्ता की डिजिटल लर्निंग सामग्री प्रदान करेगा।
नई दिल्ली, २५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने गुरुवार को देश में पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित प्रशासन को बढ़ावा देने के लिए ५ डिजिटल सुधारों की शुरुआत की। इनका उद्देश्य सरकारी कामकाज को आसान, तेज और ज्यादा जवाबदेह बनाना है।
इन पाँच डिजिटल पहलों का उद्घाटन केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने नई दिल्ली में आयोजित सुशासन प्रथाओं २०२५ पर राष्ट्रीय कार्यशाला में किया। इन सुधारों में पूर्व सैनिक आरक्षण संकलन, एआई आधारित भर्ती टूल, ई-एचआरएमएस २.० मोबाइल ऐप, आईजीओटी एआई प्लेटफॉर्म और कर्मयोगी डिजिटल लर्निंग लैब २.० शामिल हैं।
मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने २५ दिसंबर को प्रतिवर्ष मनाए जाने वाले सुशासन दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सुशासन सिर्फ विचार नहीं है, बल्कि यह रोजमर्रा के प्रशासन की जिम्मेदारी है, जो पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि 'सुशासन दिवस' का विशेष महत्व है, क्योंकि यह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती का दिन है। अटल जी ने सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और जनता को प्राथमिकता देने वाले शासन की नींव रखी थी।
मंत्री ने कहा कि सुशासन की सोच पहले भी थी। लेकिन, वर्ष २०१४ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इसे सही मायनों में लागू किया गया। यह 'न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' के मंत्र पर आधारित है।
इन पांच डिजिटल पहलों का उद्देश्य प्रशासन की मूल प्रक्रियाओं को मजबूत करना, अलग-अलग हितधारकों की मदद करना और सरकारी कर्मचारियों को बदलते समय की चुनौतियों के लिए तैयार करना है।
पूर्व सैनिक आरक्षण संकलन में केंद्र सरकार में पूर्व सैनिकों को मिलने वाले आरक्षण से जुड़ी सभी गाइडलाइनों को एक जगह सरल और अपडेटेड रूप में रखा गया है। इससे नियमों में साफ-सफाई आएगी और लाभ समय पर मिल सकेगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि एआई आधारित भर्ती नियम बनाने वाला टूल सरकारी भर्तियों को आसान बनाएगा। यह टूल सवाल-जवाब के जरिए सही भर्ती प्रक्रिया सुझाएगा और नियमों का ड्राफ्ट अपने आप तैयार करेगा, जिससे देरी और गलतियां कम होंगी।
ई-एचआरएमएस २.० मोबाइल ऐप, जो एंड्रॉयड और आईओएस दोनों पर उपलब्ध है, सरकारी कर्मचारियों को उनके सेवा रिकॉर्ड, प्रमोशन, ट्रांसफर, ट्रेनिंग और रिटायरमेंट से जुड़ी जानकारी मोबाइल पर ही उपलब्ध कराएगा। इससे कागजी काम कम होगा और पारदर्शिता बढ़ेगी।
आईजीओटी कर्मयोगी प्लेटफॉर्म में नए एआई फीचर्स जोड़े गए हैं, जैसे- एआई सारथी, एआई ट्यूटर और विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम। ये सरकारी कर्मचारियों को उनकी जरूरत के अनुसार सीखने और कौशल बढ़ाने में मदद करेंगे।
कर्मयोगी डिजिटल लर्निंग लैब २.० आधुनिक तकनीक, जैसे- एआर/वीआर, गेमिफिकेशन और इंटरैक्टिव सिमुलेशन का उपयोग कर उच्च गुणवत्ता वाली डिजिटल लर्निंग सामग्री तैयार करेगी। इससे सुधारों और अच्छे तरीकों की जानकारी तेजी से देश भर में पहुंच सकेगी।
मंत्री ने कहा कि ये सभी पहलें शासन सुधार के लिए एक सुसंगत, भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण को दर्शाती हैं, जो तकनीक का सही उपयोग कर संस्थानों को मजबूत करती हैं और नागरिकों व सरकारी कर्मचारियों दोनों को बदलाव के केंद्र में रखती हैं।