क्या नया गुड्स एंड सर्विस टैक्स सिस्टम लागू होने से उत्पादों की कीमतें कम होंगी?

सारांश
Key Takeaways
- नया जीएसटी सिस्टम लागू हो गया है।
- लगभग 370 उत्पादों पर कर कम हुआ है।
- रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं अब सस्ती होंगी।
- जीरो टैक्स श्रेणी में कई उत्पाद शामिल हैं।
- सरकार का उद्देश्य उपभोक्ताओं की आय बढ़ाना है।
नई दिल्ली, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का नया गुड्स एंड सर्विस टैक्स सिस्टम आज से लागू हो गया है। इस जीएसटी सुधार के परिणामस्वरूप रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं और जीवन रक्षक दवाएं सहित लगभग 370 उत्पादों पर कर कम कर दिया गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इस बदलाव का उद्देश्य उपभोक्ताओं की डिस्पोजेबल इनकम को बढ़ाकर अर्थव्यवस्था में लगभग 2 लाख करोड़ रुपए का निवेश करना है।
अब अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर (यूटीएच) दूध, प्री-पैकेज्ड और लेबल्ड छेना/पनीर, पिज्जा ब्रेड, खाखरा, चपाती/रोटी जैसी ब्रेड सहित 50 से अधिक आइटम जीरो टैक्स श्रेणी में शामिल हो गए हैं।
कैंसर और दुर्लभ बीमारियों के लिए 33 आवश्यक दवाएं और थेरेपी अब जीएसटी के अंतर्गत नहीं आती हैं, जबकि कई अन्य दवाओं पर कर दर को 12 प्रतिशत से घटाकर जीरो कर दिया गया है। डायग्नोस्टिक किट और ग्लूकोमीटर जैसे चिकित्सा उपकरणों पर अब केवल 5 प्रतिशत जीएसटी लागू होगा।
स्कूल और ऑफिस के लिए स्टेशनरी आइटम जैसे इरेज़र, पेंसिल, शार्पनर, क्रेयॉन, ग्राफ बुक और मैप्स की जीएसटी दर को घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
उपभोक्ता सामानों जैसे मक्खन, बिस्कुट, कंडेंस्ड मिल्क, नमकीन, जैम, केचप, जूस, ड्राई फ्रूट्स, घी, आइसक्रीम और सॉसेज की कीमतें भी कम हो गई हैं।
बादाम, काजू, पिस्ता और खजूर जैसे ड्राई फ्रूट्स और नट्स पर अब 12 प्रतिशत के स्थान पर 5 प्रतिशत कर लगेगा।
हाउसिंग के लिए सीमेंट पर कर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। हेयरकट, सैलून ट्रीटमेंट, योगा क्लास, जिम और हेल्थ क्लब जैसी सेवाओं पर भी कम दरें लागू होंगी।
इसके अतिरिक्त, जीरो जीएसटी श्रेणी में अब साबुन, शैम्पू, हेयर ऑयल, फेस क्रीम और शेविंग क्रीम जैसे टूथपेस्ट भी शामिल हैं।
एयर कंडीशनर, टेलीविजन, वॉशिंग मशीन और डिशवॉशर जैसे किचन उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक्स पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है।
सरकार ने राजस्व की कमी की भरपाई के लिए सेस को जीएसटी में शामिल कर लिया है और लग्जरी और सिन गुड्स पर 40 प्रतिशत कर लगाया है।
1,200 सीसी (पेट्रोल) या 1,500 सीसी (डीजल) से अधिक क्षमता वाली और 4 मीटर से बड़ी स्पोर्ट यूटिलिटी और मल्टीपर्पस गाड़ियां अब 40 प्रतिशत कर के दायरे में आएंगी।