क्या एनएचएआई 'लूज फास्टैग' को ब्लैकलिस्ट करेगा? रिपोर्टिंग प्रक्रिया हुई मजबूत

सारांश
Key Takeaways
- एनएचएआई ने लूज फास्टैग की रिपोर्टिंग को मजबूत किया है।
- टोल संचालन को सुचारू बनाने के लिए नई नीति लागू की गई है।
- लूज फास्टैग के कारण परिचालन संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
- सरकार ने टोल दरों में कमी की है।
- यह पहल यात्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाएगी।
नई दिल्ली, ११ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। एनएचएआई ने शुक्रवार को कहा कि उसने टोल संग्रह एजेंसियों और रियायतकर्ताओं के लिए 'लूज फास्टैग' की त्वरित रिपोर्टिंग और ब्लैकलिस्टिंग के लिए अपनी नीति को प्रभावी बनाया है। लूज फास्टैग को सामान्यतः "टैग-इन-हैंड" के नाम से भी जाना जाता है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अपने बयान में उल्लेख किया कि वार्षिक पास प्रणाली और मल्टी-लेन फ्री फ्लो (एमएलएफएफ) टोलिंग जैसी नई पहलों को देखते हुए, फास्टैग की प्रामाणिकता और प्रणाली की विश्वसनीयता सुनिश्चित करना आवश्यक है।
मंत्रालय ने कहा कि कभी-कभी वाहन मालिक जानबूझकर अपने वाहन की विंडस्क्रीन पर फास्टैग नहीं लगाते, जिससे परिचालन संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इससे लेन में भीड़भाड़, झूठे चार्जबैक, और इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली में कठिनाइयाँ आती हैं, जिससे टोल प्लाजा पर अनावश्यक देरी होती है।
समय पर सुधारात्मक उपाय करने के लिए, एनएचएआई ने एक विशेष ईमेल आईडी प्रदान की है और टोल संग्रह एजेंसियों को ऐसे फास्टैग की त्वरित रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है। प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर, एनएचएआई तुरंत कार्रवाई करेगा और रिपोर्ट किए गए फास्टैग को ब्लैकलिस्ट/हॉटलिस्ट करेगा।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि ९८ प्रतिशत से अधिक की व्यापक पहुंच के साथ, फास्टैग ने देश में इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली में एक नई क्रांति लाई है। लूज फास्टैग इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह कार्यों की दक्षता के लिए चुनौती है। यह पहल टोल संचालन को और अधिक कुशल बनाने में मदद करेगी, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं के लिए सहज यात्रा सुनिश्चित होगी।
इस महीने की शुरुआत में, सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों के कुछ हिस्सों, जिनमें सुरंगें, पुल, फ्लाईओवर और एलिवेटेड सड़कें शामिल हैं, पर टोल दरों में ५० प्रतिशत तक की कमी की। इस कदम का उद्देश्य यात्रा की लागत कम करना और सड़क यात्रा को आम जनता के लिए अधिक किफायती बनाना है।