क्या नवंबर में भारत में कम तापमान के कारण बिजली की मांग 123 बिलियन यूनिट तक गिर गई?

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क्या नवंबर में भारत में कम तापमान के कारण बिजली की मांग 123 बिलियन यूनिट तक गिर गई?

सारांश

क्या नवंबर में भारत में कम तापमान के चलते बिजली की मांग में गिरावट आई? जानें इस रिपोर्ट में कि कैसे मौसम ने ऊर्जा खपत को प्रभावित किया है। साथ ही, रिन्यूएबल एनर्जी के उत्पादन में बढ़ोतरी और कोयले की मांग में कमी के बारे में भी पढ़ें।

Key Takeaways

  • नवंबर में बिजली की मांग में 0.3 प्रतिशत की कमी आई है।
  • बिजली उत्पादन 134 बिलियन यूनिट हो गया है।
  • रिन्यूएबल एनर्जी से बिजली उत्पादन में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
  • कोयले की इन्वेंट्री 18 दिन की हो गई है।
  • पावर की मांग सालाना आधार पर 1-3 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

नई दिल्ली, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि कम तापमान के चलते नवंबर में बिजली की मांग में लगभग 0.3 प्रतिशत की कमी आई, जिससे यह 123 बिलियन यूनिट पर पहुँच गई। पिछले साल इसी समय बिजली की मांग 124 बिलियन यूनिट थी।

यह गिरावट अक्टूबर में लगभग 6 प्रतिशत की मासिक कमी के बाद आई है। क्रिसिल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार, "मध्य प्रदेश में अत्यधिक ठंड के कारण बिजली की मांग में 11 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जबकि राजस्थान में ठंड के मौसम के कारण मांग में 7 प्रतिशत की कमी आई।"

वहीं, नवंबर में बिजली उत्पादन पिछले साल की तुलना में 0.5 प्रतिशत बढ़कर 134 बिलियन यूनिट हो गया है।

रिन्यूएबल एनर्जी से बिजली उत्पादन में साल-दर-साल 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान है, जो इस वित्तीय वर्ष में लगातार आठवीं बार होगी। यह वृद्धि संभवतः नई क्षमता जोड़ने के कारण हुई है।

इसके विपरीत, इस तिमाही में कोयले से बिजली उत्पादन में दूसरी बार कमी आई है। नतीजतन, कुल बिजली उत्पादन में कोयले का हिस्सा 72 प्रतिशत रहा, जबकि पिछले साल यह 75 प्रतिशत था। इससे यह स्पष्ट होता है कि बिजली की मांग के अनुसार उत्पादन को बढ़ाना या घटाना कितना कठिन हो सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार, 30 नवंबर तक थर्मल पावर प्लांट्स के पास 54 मिलियन टन कोयला था और कोयले की इन्वेंट्री 18 दिन की थी, जबकि पिछले साल इसी समय यह 14 दिन की थी। यह वृद्धि उस समय हुई जब नवंबर में पावर सेक्टर में सालाना आधार पर बिजली की खपत में 5.5 प्रतिशत की गिरावट आई। वहीं, अप्रैल से अक्टूबर के बीच यह सालाना आधार पर 3.17 प्रतिशत कम रही।

रिपोर्ट में कहा गया है कि रिन्यूएबल एनर्जी से बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी थर्मल कोयले की मांग में कमी को दर्शाती है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, "हमारा अनुमान है कि इस वित्तीय वर्ष में पावर की मांग सालाना आधार पर 1-3 प्रतिशत बढ़कर 1,715-1,725 बिलियन यूनिट हो जाएगी। यह वृद्धि स्थिर आर्थिक प्रदर्शन और बढ़ती उपलब्ध आय के कारण बनी रहेगी।"

हालांकि, मौसम की अनिश्चितता के कारण बिजली की मांग में वृद्धि कम हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था का 7 प्रतिशत ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (जीडीपी) विकास दर बनाए रखने का अनुमान है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत में बिजली की मांग में कमी के पीछे मौसम के कारक हैं। इस गिरावट का प्रभाव न केवल ऊर्जा उद्योग पर पड़ेगा, बल्कि इससे निवेश और विकास के अवसर भी प्रभावित हो सकते हैं। हमें यह देखना होगा कि क्या रिन्यूएबल एनर्जी की बढ़ती मांग इस कमी को संतुलित कर पाएगी।
NationPress
14/12/2025

Frequently Asked Questions

नवंबर में बिजली की मांग में कमी का क्या कारण है?
कम तापमान के कारण नवंबर में बिजली की मांग में लगभग 0.3 प्रतिशत की कमी आई है।
क्या रिन्यूएबल एनर्जी का उत्पादन बढ़ा है?
हाँ, नवंबर में रिन्यूएबल एनर्जी से बिजली उत्पादन में साल-दर-साल 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
कोयले से बिजली उत्पादन में कमी का क्या असर है?
कोयले से बिजली उत्पादन में दूसरी बार कमी आई है, जिससे कुल बिजली उत्पादन में कोयले का हिस्सा घटकर 72 प्रतिशत रह गया है।
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