क्या एनएसडीएल का शेयर इश्यू प्राइस से 10 प्रतिशत अधिक लिस्ट हुआ है?

सारांश
Key Takeaways
- एनएसडीएल का शेयर 880 रुपए पर लिस्ट हुआ।
- इंट्राडे में शेयर ने 920 रुपए का उच्चतम स्तर छुआ।
- आईपीओ को 41.02 गुना सब्सक्राइब किया गया।
- सीडीएसएल के शेयर में गिरावट आई।
- एनएसडीएल का बाजार पूंजीकरण 17,600 करोड़ रुपए है।
नई दिल्ली, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) का शेयर बुधवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर अपने इश्यू प्राइस 800 रुपए के मुकाबले 80 रुपए या 10 प्रतिशत प्रीमियम के साथ 880 रुपए पर लिस्ट हुआ।
हालांकि, ग्रे मार्केट प्रीमियम 16 प्रतिशत होने के कारण निवेशकों को और अधिक कीमत पर लिस्टिंग की उम्मीद थी।
लिस्टिंग के बाद शेयर में तेजी देखी गई और इंट्रा-डे में 920 रुपए का उच्चतम स्तर छुआ। दोपहर एक बजे एनएसडीएल का शेयर 913 रुपए पर कारोबार कर रहा था, जो कि उसके इश्यू प्राइस से करीब 15 प्रतिशत अधिक है।
एनएसडीएल के 4,012 करोड़ रुपए के आईपीओ को निवेशकों से शानदार रिस्पॉन्स मिला था। पब्लिक इश्यू 41.02 गुना सब्सक्राइब हुआ था। आईपीओ में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) का हिस्सा 103.97 गुना सब्सक्राइब हुआ, जबकि नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स का हिस्सा 34.98 गुना और रिटेल इन्वेस्टर्स का हिस्सा 7.76 गुना सब्सक्राइब हुआ था।
एनएसडीएल की लिस्टिंग के बाद, उसकी प्रतिद्वंद्वी सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (सीडीएसएल) को शेयर बाजार में दबाव का सामना करना पड़ा और दोपहर को उसके शेयर 2.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,531.10 रुपए पर थे।
शेयर की लिस्टिंग के बाद कंपनी का बाजार पूंजीकरण 17,600 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
सीडीएसएल से प्रतिस्पर्धा के बीच एनएसडीएल की स्थिर आय और मार्केट लीडरशिप, इसके शेयर को मजबूत कर रहे हैं।
एनएसडीएल मूल्य-आधारित लेनदेन और संस्थागत खाता होल्डिंग्स में अग्रणी है और इसके पास मजबूत तकनीकी इन्फ्रास्ट्रक्चर है। यह सीडीएसएल के साथ ऐसे व्यवसाय में काम करता है, जहां नए प्रतिस्पर्धियों के लिए प्रवेश की एक बाधा है।
शेयर डिपॉजिटरी फर्म ने पूंजी बाजार से 4,012 करोड़ रुपए जुटाने के लिए अपना आईपीओ लॉन्च किया था, जिसका प्राइस बैंड 760 रुपए से 800 रुपए प्रति शेयर तय किया था। आईपीओ में केवल ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) शामिल था, जिसमें कोई नया शेयर जारी नहीं किया जा रहा है। एनएसडीएल को आईपीओ से कोई आय नहीं प्राप्त हुई है।
एनएसडीएल का आईपीओ लाने की वजह सेबी का वह नियम था, जिसमें यह कहा गया था कि कोई भी कंपनी डिपॉजिटरी फर्म में 15 प्रतिशत से ज्यादा की हिस्सेदारी नहीं रख सकती है।
इस कारण, सेबी के नियमों का पालन करने के लिए एनएसडीएल की लिस्टिंग महत्वपूर्ण थी।