क्या पान मसाला के हर पैक पर अब एमआरपी लिखना अनिवार्य होगा?
सारांश
Key Takeaways
- हर पान मसाला पैक पर एमआरपी लिखना अनिवार्य।
- छोटे पैक पर भी जानकारी देने की जरूरत।
- उपभोक्ताओं के लिए सही मूल्य निर्धारण।
- बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी।
- टैक्स चोरी पर रोक।
नई दिल्ली, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उपभोक्ता मामलों के विभाग ने जीएसआर 881 (ई) के तहत विधिक माप विज्ञान (पैकेज्ड कमोडिटीज) द्वितीय (संशोधन) नियम, 2025 को अधिसूचित किया है। अब हर आकार और वजन के पान मसाला पैक पर खुदरा बिक्री मूल्य (एमआरपी /आरएसपी) और अन्य सभी आवश्यक जानकारियाँ लिखना अनिवार्य होगा।
आदेश के अनुसार, ये नियम 1 फरवरी 2026 से प्रभावी होंगे। इसके बाद सभी पान मसाला निर्माता, पैकर और आयातकों को इनका पालन करना होगा। अधिसूचना उपभोक्ता मामले विभाग के संयुक्त सचिव अनुपम मिश्रा ने जारी की है।
अब तक 10 ग्राम या उससे कम वजन वाले छोटे पान मसाला पैक, जिन पर पहले एमआरपी लिखने से छूट थी, उन पर भी अब आरएसपी लिखना अनिवार्य होगा।
हर पान मसाला पैकेट पर विधिक माप विज्ञान नियम, 2011 में तय सभी घोषणाएं, जैसे वजन, निर्माण तिथि, निर्माता का नाम आदि साफ-साफ लिखना अनिवार्य कर दिया गया है।
पहले नियम 26(ए) के तहत छोटे पैक को कुछ जानकारी देने से छूट थी, लेकिन अब यह छूट हटाकर नए नियम लागू कर दिए गए हैं।
सरकार के नए नियम से अब छोटे पैक पर भी स्पष्ट अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) होगी। इससे किसी भी तरह के गलत या भ्रामक मूल्य निर्धारण को रोका जा सकेगा। उपभोक्ता सही जानकारी के आधार पर खरीदारी कर सकेंगे और इससे बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी।
नया नियम लागू होने पर सरकार को उम्मीद है कि पान मसाला पर रिटेल सेलिंग प्राइस (आरएसपी) आधारित जीएसटी का सही आकलन किया जा सकेगा। इससे जीएसटी परिषद के निर्णयों का बेहतर पालन हो सकेगा। हर पैक, चाहे वह छोटा हो या बड़ा, पर सही टैक्स वसूली की जा सकेगी। इसके साथ ही टैक्स चोरी पर भी नकेल कसी जा सकेगी।
सरकार का मानना है कि ये नए नियम उपभोक्ताओं की सुरक्षा और पारदर्शिता को मजबूत करेंगे। उपभोक्ता पारदर्शिता बढ़ाने और जीएसटी अनुपालन को समर्थन देने के लिए इसमें संशोधन किया गया है।