क्या 2047 तक विकसित भारत के विजन में पीएम गतिशक्ति योजना निभाएगी महत्वपूर्ण भूमिका?

सारांश
Key Takeaways
- पीएम गतिशक्ति योजना का लक्ष्य 2047 तक विकसित भारत का निर्माण करना है।
- पोर्ट और इनलैंड वाटरवेज का विकास महत्वपूर्ण है।
- केंद्र सरकार तेजी से पोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास कर रही है।
- यह योजना देश की लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने में मदद कर रही है।
- भारत विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स परफॉरमेंस इंडेक्स में प्रगति कर रहा है।
नई दिल्ली, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा है कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य में पीएम गतिशक्ति योजना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
राष्ट्रीय राजधानी में पीएचडीसीसीआई के कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि पोर्ट देश के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वृद्धि दर को तेज करने में सहायक है।
केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि कार्यक्रम में इनलैंड वाटरवेज पर चर्चा हुई। पहले देश में 5 इनलैंड वाटरवेज थे, अब इनकी संख्या बढ़कर 111 हो गई है, और इनका और विस्तार करने का कार्य जारी है। इनलैंड वाटरवेज का उद्देश्य सामान की आवाजाही को सरल बनाना और टूरिज्म को प्रोत्साहित करना है।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार तेजी से पोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रही है, जिसमें औद्योगिक पार्क और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का विकास भी शामिल है।
शांतनु ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वॉकल फॉर लोकल के सपने को साकार करने में पोर्ट की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी डॉ सुरिंदर अहिरवार ने कहा कि पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान ने बुनियादी ढांचे के विकास को एकीकृत तरीके से आगे बढ़ाया है, जो कृषि और मैन्युफैक्चरिंग में बड़ी भूमिका निभा रहा है।
नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) द्वारा की गई एक अध्ययन के अनुसार, भारत की लॉजिस्टिक्स लागत जीडीपी के 7.8-8.9 प्रतिशत के बीच है, जो पहले के अनुमानित 13-14 प्रतिशत से काफी कम है। यह आंकड़ा पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की सफलता को दर्शाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स परफॉरमेंस इंडेक्स में भारत का 2023 में 44वें स्थान से 38वें स्थान पर आना सकारात्मक प्रगति को दिखाता है, हालांकि आगे और सुधार की आवश्यकता है।