क्या हमारे पास ब्लू इकोनॉमी ग्रोथ के लिए एक एंबिशियस विजन है? : पीएम मोदी
सारांश
Key Takeaways
- भारत में ब्लू इकोनॉमी ग्रोथ का महत्व बढ़ रहा है।
- पीएम मोदी का निवेश के लिए बुलावा एक सकारात्मक संकेत है।
- मैरीटाइम सेक्टर में 70,000 करोड़ रुपए का पैकेज मंजूर हुआ है।
- शिपबिल्डिंग योजनाओं से 4.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश आएगा।
- भारतीय झंडे वाले जहाजों की संख्या में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पीएम मोदी ने मैरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव में अपने संबोधन के बाद निवेशकों को भारत में निवेश का आमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी विश्वास के साथ यह कहना है कि भारत निवेश के लिए एक उपयुक्त स्थान है।
उन्होंने अपनी बात को और भी स्पष्ट करते हुए कहा, "हमारे पास विश्वस्तरीय पोर्ट्स, एक विस्तृत कोस्टलाइन, रणनीतिक वैश्विक व्यापार मार्ग और इंफ्रास्ट्रक्चर में नवाचार और इरादा है। हमारे युवाओं के कारण हमारा इकोसिस्टम नवाचार के लिए पूरी तरह से तैयार है। आइए, हमारी यात्रा में शामिल हों!"
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे पास ब्लू इकोनॉमी ग्रोथ के लिए एक महत्वाकांक्षी दृष्टि है।
उन्होंने सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 के बारे में जानकारी साझा करते हुए बताया कि वे इस कार्यक्रम का हिस्सा बने। उन्होंने कहा कि उन्होंने कई बड़े सीईओ से मुलाकात की और इस क्षेत्र के प्रमुख स्टेकहोल्डर्स से चर्चा की।
देश के मैरीटाइम सेक्टर के बारे में उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर, सुधारों और लोगों की भागीदारी के माध्यम से इस क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। इन परिवर्तनों के साथ, मैरीटाइम सेक्टर आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, वैश्विक विश्वास और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बन गया है।
पीएम मोदी ने अपने लिंक्डइन पोस्ट में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म का मंत्र साझा करते हुए कहा कि बिल्स ऑफ लैडिंग बिल से लेकर इंडियन पोर्ट्स बिल (2025) तक पांच महत्वपूर्ण बिलों ने मैरीटाइम गवर्नेंस को आधुनिक बनाया है, व्यापार को सुगम किया है, राज्यों को सशक्त किया है और भारत को वैश्विक मानकों से जोड़ा है।
उन्होंने बताया कि इस विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने समुद्री क्षेत्र के लिए 70,000 करोड़ रुपए का एक अम्ब्रेला पैकेज मंजूर किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि शिपबिल्डिंग असिस्टेंस स्कीम, मैरीटाइम डेवलपमेंट फंड और शिपबिल्डिंग डेवलपमेंट स्कीम के माध्यम से 4.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आएगा और 2,500 से अधिक जहाजों के निर्माण में मदद मिलेगी।
उन्होंने लिंक्डइन पर जानकारी देते हुए बताया कि शिपिंग और जलमार्ग विकास के नए इंजन बन रहे हैं, जहां भारतीय झंडे वाले जहाजों की संख्या 1,205 से बढ़कर 1,549 हो गई है, और फ्लीट का ग्रॉस टनेज 10 एमजीटी से बढ़कर 13.52 एमजीटी हो गया है। कोस्टल शिपिंग कार्गो भी लगभग दोगुना होकर 87 से 165 एमएमटी हो गया है।