क्या पीएम मोदी देश में आरएंडडी इकोसिस्टम को बढ़ाने के लिए एक लाख करोड़ रुपए की स्कीम लॉन्च करेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- एक लाख करोड़ रुपए की आरडीआई योजना का शुभारंभ।
- ईएसटीआईसी 2025 कॉन्क्लेव में चर्चा के लिए 11 विषय।
- युवाओं और स्टार्टअप्स के लिए एक मंच।
- रिसर्च और डेवलपमेंट इकोसिस्टम का विकास।
- निजी क्षेत्र की भागीदारी से सशक्तीकरण।
नई दिल्ली, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश में रिसर्च और डेवलपमेंट (आरएंडडी) इकोसिस्टम को सुदृढ़ करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को एक लाख करोड़ रुपए की रिसर्च डेवलपमेंट एंड इनोवेशन (आरडीआई) योजना का शुभारंभ करेंगे।
इस अवसर पर भारत मंडपम में प्रधानमंत्री मोदी इमर्जिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी इनोवेशन कॉन्क्लेव (ईएसटीआईसी) 2025 का उद्घाटन करेंगे और जनसमूह को संबोधित करेंगे।
यह आरडीआई योजना देश में निजी क्षेत्र द्वारा संचालित रिसर्च और डेवलपमेंट इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई है।
ईएसटीआईसी 2025 कॉन्क्लेव 3-5 नवंबर के बीच आयोजित किया जाएगा, जिसमें शिक्षा क्षेत्र, रिसर्च संस्थान, उद्योग, और सरकार के साथ-साथ नोबेल पुरस्कार विजेता, वैज्ञानिक, इनोवेटर्स और नीति निर्माता शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार, इस विचार-विमर्श का केंद्र 11 प्रमुख विषयगत क्षेत्रों पर होगा, जैसे एडवांस मटेरियल्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बायो-मैन्युफैक्चरिंग, ब्लू इकोनॉमी, डिजिटल कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग, उभरती हुई कृषि टेक्नोलॉजी, एनर्जी, पर्यावरण और जलवायु, स्वास्थ्य और चिकित्सा टेक्नोलॉजी, क्वांटम साइंस और स्पेस टेक्नोलॉजी।
बयान में आगे कहा गया, "ईएसटीआईसी 2025 में प्रमुख वैज्ञानिकों की पैनल चर्चाएं, प्रस्तुतियां और टेक्नोलॉजी प्रदर्शन होंगे, जो भारत के साइंस और टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए शोधकर्ताओं, उद्योग और युवा इनोवेटर्स के बीच सहयोग का एक मंच प्रदान करेंगे।"
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार, 'ईएसटीआईसी 2025' युवा इनोवेटर्स, स्टार्टअप्स और रिसर्च के लिए नए समाधान प्रदर्शित करने, मार्गदर्शन प्राप्त करने और उद्योग तथा हितधारकों से जुड़ने का एक मंच है।
‘ईएसटीआईसी 2025’ को एक परिणाम-केंद्रित मंच के रूप में तैयार किया गया है, जो शोधकर्ताओं, उद्यमियों, उद्योग और वित्त पोषण निकायों के बीच सहयोग को बढ़ावा देते हुए हितधारकों के योगदान को मजबूत करता है।