क्या पीडब्ल्यूसी इंडिया 2030 तक 20,000 नए रोजगार के अवसर पेश कर सकती है?

सारांश
Key Takeaways
- पीडब्ल्यूसी इंडिया का लक्ष्य 2030 तक 20,000 नए रोजगार लाना है।
- डिजिटल परिवर्तन और सस्टेनेबिलिटी पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- कंपनी टियर-2 और टियर-3 शहरों में विस्तार करने की योजना बना रही है।
- विभिन्न क्षेत्रों में साहसिक बदलाव की आवश्यकता होगी।
- राजस्व में तीन गुना वृद्धि का लक्ष्य है।
नई दिल्ली, 13 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। एडवायजरी फर्म प्राइसवाटरहाउसकूपर्स इंडिया (पीडब्ल्यूसी इंडिया) ने मंगलवार को जानकारी दी कि वह 2030 तक भारत में 20,000 नए रोजगार के अवसर लाने की योजना बना रही है।
पीडब्ल्यूसी इंडिया ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि कंपनी अगले पांच वर्षों में टियर-2 और टियर-3 शहरों में विस्तार के साथ-साथ डिजिटल परिवर्तन, सस्टेनेबिलिटी, जोखिम एवं नियामक, क्लाउड और साइबर सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित कर अपने राजस्व में तीन गुना वृद्धि का लक्ष्य रखती है।
इस दिशा में, चार प्रमुख कंपनियाँ अपने सालाना राजस्व का 5 प्रतिशत टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और क्षमता निर्माण में और 1 प्रतिशत राजस्व कौशल विकास पर खर्च करेंगी।
पीडब्ल्यूसी इंडिया ने कहा कि वह एक पारंपरिक सेवा फर्म से एक आधुनिक, वितरण-केंद्रित मॉडल में बदल रही है, जो क्षेत्र की विशेषज्ञता और एआई जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी द्वारा संचालित है।
पीडब्ल्यूसी इंडिया के अध्यक्ष संजीव कृष्ण ने कहा, "हम सीखने की पहुंच बढ़ाकर, नेतृत्व में महिलाओं को प्राथमिकता देकर, और समावेशी विकास यात्राएं बनाकर फ्यूचर-रेडी वर्कफोर्स का निर्माण करने पर केंद्रित हैं, जो हमारे लोगों को कैंपस से लेकर बोर्डरूम तक फलने-फूलने में सक्षम बनाती हैं।"
कंपनी ने बताया कि पीडब्ल्यूसी ने अपनी विकास रणनीति को फाइनेंशियल सर्विस, हेल्थकेयर, इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग, ऑटो, टेक्नोलॉजी और मीडिया एवं टेलीकॉम जैसे छह क्षेत्रों पर केंद्रित किया है।
ये क्षेत्र परिवर्तनकारी प्रभाव के सबसे बड़े अवसर प्रदान करते हैं।
कंपनी ने आगे कहा कि इन क्षेत्रों में हमारे ग्राहकों की भविष्य की सफलता के लिए व्यावसायिक मॉडल, संचालन, टेक्नोलॉजी और संसाधनों के उपयोग में साहसिक बदलाव की आवश्यकता होगी।
कृष्ण ने कहा, "हमारा विजन 2030 भारत की विकास क्षमता का निर्माण करने और अपने व्यवसाय में साहसिक बदलाव लाने पर केंद्रित है। हम टियर-2 और टियर-3 शहरों में विस्तार कर रहे हैं, अपने क्षेत्रीय विस्तार को बढ़ा रहे हैं और अपनी पेशकशों के केंद्र में डिजिटल और टेक्नोलॉजी क्षमताओं को शामिल कर रहे हैं।"
पीडब्ल्यूसी ने जुलाई में एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि भारतीय उद्योग 2035 तक 9.82 ट्रिलियन डॉलर का ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) प्राप्त कर सकते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि विनिर्माण और औद्योगिक उत्पादन जैसे क्षेत्र जीवीए गणना में सबसे अधिक योगदान देंगे। ये क्षेत्र 2023 के 945 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2035 तक लगभग 2.7 ट्रिलियन डॉलर का जीवीए प्राप्त कर लेंगे।
पीडब्ल्यूसी की भारत के सभी प्रमुख शहरों में उपस्थिति है, जिसके लगभग 900 भागीदार और 30,000 पेशेवरों की एक टीम है।