क्या पॉलीमर और फाइबर इंटरमीडिएट्स पर क्यूसीओ वापस लेना रेडीमेड गारमेंट्स सेक्टर के लिए कच्चे माल की लागत को कम करेगा?
सारांश
Key Takeaways
- रेडीमेड गारमेंट्स सेक्टर को कच्चे माल की लागत में कमी मिलेगी।
- क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर का वापस लेना आवश्यक है।
- अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित टेक्सटाइल सेक्टर को राहत मिलेगी।
- सस्ते आयातित यार्न की आपूर्ति बढ़ेगी।
- यह कदम पॉलिएस्टर यार्न निर्माताओं के लिए प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगा।
नई दिल्ली, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार द्वारा कई पॉलीमर और फाइबर इंटरमीडिएट्स पर क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर वापस लेने का हालिया निर्णय रेडीमेड गारमेंट्स क्षेत्र के लिए कच्चे माल की लागत में कमी लाने में अहम साबित होगा। यह जानकारी गुरुवार को एक रिपोर्ट में सामने आई।
क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि इस कदम से अमेरिकी-टैरिफ से प्रभावित टेक्सटाइल सेगमेंट, विशेषकर रेडीमेड गारमेंट्स को राहत मिलेगी। यह सेगमेंट अब प्रतिस्पर्धात्मक कीमतों पर कच्चे माल का आयात कर सकेगा।
रेटिंग एजेंसी का 20 पॉलिएस्टर यार्न निर्माताओं का विश्लेषण दर्शाता है कि यह कदम अपस्ट्रीम पॉलिएस्टर यार्न निर्माताओं के लिए प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगा।
रसायन और उर्वरक मंत्रालय की ओर से 12 नवंबर को आयातित यार्न के लिए आवश्यक बीआईएस सर्टिफिकेशन को समाप्त किया गया था।
केंद्र सरकार द्वारा यह बीआईएस सर्टिफिकेशन अक्टूबर 2023 में अनिवार्य किया गया था ताकि चीन से आयातित सस्ते पॉलिएस्टर पर अंकुश लगाया जा सके।
क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक गौतम शाही ने कहा, "कोटन यार्न के लिए पॉलिएस्टर यार्न सबसे सस्ता विकल्प है, जिसका उपयोग वैल्यू और मिड प्रीमियम गारमेंट का निर्माण करने में बड़े पैमाने पर किया जाता है। क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर के वापस लिए जाने से डाउनस्ट्रीम टेक्सटाइल उद्योग को राहत मिलेगी, जो अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च-टैरिफ से प्रभावित है।"
यह कदम सस्ते आयातित यार्न की आपूर्ति बढ़ाएगा, जिससे एक्सपोर्ट-ऑरिएंटेड गारमेंट और होम-टेक्सटाइल इकाइयों को राहत मिलेगी, जो अमेरिका को शिपमेंट पर 50 प्रतिशत टैरिफ का बोझ उठा रही हैं।
रेडीमेड गारमेंट सेगमेंट अपने निर्यात से 25 से 30 प्रतिशत राजस्व प्राप्त करता है, जिसमें एक तिहाई अमेरिका को जाता है। जबकि होम टेक्सटाइल जो कोटन पर निर्भर हैं, को कुछ ही लाभ मिलेंगे।
क्रिसिल ने कहा कि जीएसटी रेट कटौती के कारण वॉल्यूम बढ़ने के बीच आयातित यार्न और कच्चे तेल की घटती कीमतों के कारण अगले वित्त वर्ष में पॉलिएस्टर यार्न निर्माताओं की राजस्व वृद्धि 3-5 प्रतिशत तक रहने का अनुमान है।