क्या आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी के निर्णयों का ऐलान किया, रेपो रेट में कोई बदलाव क्यों नहीं?

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क्या आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी के निर्णयों का ऐलान किया, रेपो रेट में कोई बदलाव क्यों नहीं?

सारांश

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अगस्त की मौद्रिक नीति कमेटी के निर्णयों की जानकारी दी। रेपो रेट को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। गवर्नर ने जीडीपी वृद्धि और महंगाई के अनुमान भी साझा किए। जानें क्या है उनके द्वारा उठाए गए कदमों का प्रभाव।

Key Takeaways

  • रेपो रेट को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है।
  • गवर्नर ने जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखा है।
  • महंगाई का अनुमान 3.1 प्रतिशत है।
  • विदेशी मुद्रा भंडार 688.19 अरब डॉलर है।
  • आरबीआई ने फरवरी से अब तक रेपो रेट में 1 प्रतिशत की कटौती की है।

मुंबई, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को अगस्त के लिए मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) के निर्णयों की जानकारी दी। रेपो रेट को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है।

केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति का रुख "न्यूट्रल" बनाए रखने का निर्णय लिया है।

गवर्नर मल्होत्रा ने कहा, "आरबीआई ने विकास को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण और दूरदर्शी कदम उठाए हैं। एमपीसी ने सर्वसम्मति से रेपो रेट को अपरिवर्तित रखने का फैसला लिया। रेपो दर 5.5 प्रतिशत पर बनी रहेगी।"

इससे पहले, आरबीआई गवर्नर ने जून की मौद्रिक नीति में रेपो रेट को 0.50 प्रतिशत घटाकर 5.5 प्रतिशत किया था।

गवर्नर ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी वृद्धि के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखा है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही के लिए 6.7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही के लिए 6.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए 6.3 प्रतिशत निर्धारित किया गया है।

अगले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2026-27) की पहली तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रह सकती है।

गवर्नर के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में महंगाई 3.1 प्रतिशत रह सकती है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में महंगाई 2.1 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 3.1 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2026-27 की पहली तिमाही के लिए महंगाई दर का अनुमान 4.9 प्रतिशत है।

मल्होत्रा के अनुसार, एक अगस्त तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 688.19 अरब डॉलर है, जो कि देश के 11 महीने के व्यापारिक आयात को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।

आरबीआई ने फरवरी से अब तक रेपो रेट में 1 प्रतिशत की कटौती की है। केंद्रीय बैंक ने फरवरी में 0.25 प्रतिशत, अप्रैल में 0.25 प्रतिशत और जून में 0.50 प्रतिशत की कटौती की थी।

Point of View

यह कहना जरूरी है कि मौद्रिक नीति के निर्णयों का प्रभाव देश की आर्थिक स्थिति पर पड़ता है। आरबीआई का न्यूट्रल रुख दर्शाता है कि विकास को प्राथमिकता दी जा रही है, जो कि वर्तमान समय में आवश्यक है।
NationPress
06/08/2025

Frequently Asked Questions

आरबीआई ने रेपो रेट में बदलाव क्यों नहीं किया?
आरबीआई गवर्नर ने विकास को बढ़ावा देने के लिए मौद्रिक नीति को न्यूट्रल रखा है।
जीडीपी वृद्धि का अनुमान क्या है?
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.5 प्रतिशत है।
महंगाई के अनुमान क्या हैं?
वित्त वर्ष 2025-26 में महंगाई 3.1 प्रतिशत रह सकती है।