क्या भारतीय शेयर बाजार का रुख आरबीआई एमपीसी, भारत-अमेरिका व्यापार समझौते और एफआईआई डेटा पर निर्भर करेगा?

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क्या भारतीय शेयर बाजार का रुख आरबीआई एमपीसी, भारत-अमेरिका व्यापार समझौते और एफआईआई डेटा पर निर्भर करेगा?

सारांश

आने वाला हफ्ता भारतीय शेयर बाजार के लिए महत्वपूर्ण है। आरबीआई एमपीसी, भारत-यूएस ट्रेड डील, और एफआईआई डेटा के प्रभाव को समझें। जानें कि क्या ये कारक बाजार को प्रभावित करेंगे!

Key Takeaways

  • आरबीआई की एमपीसी बैठक में ब्याज दरों में संभावित कटौती।
  • भारत-यूएस व्यापार समझौता में सकारात्मक प्रगति।
  • एफआईआई डेटा का बाजार पर गहरा असर।
  • बिकवाली के दौर में निवेशकों की सतर्कता।
  • वैश्विक अनिश्चितता का बाजार पर प्रभाव।

मुंबई, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आने वाला हफ्ता भारतीय शेयर बाजार के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है। आरबीआई एमपीसी बैठक, भारत-यूएस व्यापार समझौता, एफआईआई डेटा और अन्य वैश्विक आर्थिक कारकों पर निर्भर करेगा कि भारतीय शेयर बाजार का रुख कैसा होगा।

आरबीआई एमपीसी की बैठक 29 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच निर्धारित है, जिसमें ब्याज दरों की समीक्षा की जाएगी। यह अनुमान है कि केंद्रीय बैंक इस बैठक में ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है। वर्तमान में रेपो रेट 5.5 प्रतिशत है।

पिछली एमपीसी में केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को यथावत रखा था। फरवरी 2025 से अब तक, केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में लगभग एक प्रतिशत की कमी की है।

इस हफ्ते, निवेशकों की नजर भारत-यूएस ट्रेड डील पर भी होगी। दोनों देशों के बीच लाभकारी व्यापारिक समझौते की बातचीत सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है।

केंद्रीय उद्योग और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की अगुवाई में भारत का एक प्रतिनिधिमंडल अमेरिका गया था, जहां उन्होंने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर और राजदूत सर्जियो गोर के साथ महत्वपूर्ण बैठकें कीं।

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के खरीद-बिक्री का डेटा इस बार काफी महत्वपूर्ण होगा। पिछले हफ्ते, एफआईआई ने 19,570.03 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे, जबकि डीआईआई ने 17,411.4 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे थे।

पिछले हफ्ते, भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली का माहौल देखा गया। निफ्टी 672.35 अंक या 2.65 प्रतिशत गिरकर 24,654.70 पर और सेंसेक्स 2,199.77 अंक या 2.66 प्रतिशत गिरकर 80,426.46 पर बंद हुआ।

शुक्रवार के कारोबारी सत्र में, भारतीय शेयर बाजार ने बड़ी गिरावट के साथ समापन किया। सत्र के अंत में, सेंसेक्स 733.22 अंक या 0.90 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,426.46 और निफ्टी 236.15 अंक या 0.95 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,654.70 पर था।

विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय बाजार में एशियाई बाजारों के समान भारी गिरावट देखी गई। दवा कंपनियों पर नए टैरिफ लागू होने से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई, जिससे दवा कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई। इसी बीच, एक्सेंचर की कमज़ोर भविष्यवाणी और नौकरी में कटौती ने आईटी खर्च में कमी की ओर इशारा किया है, जिससे तकनीकी शेयरों में व्यापक बिकवाली हुई। वैश्विक अनिश्चितता के कारण, निवेशक सतर्क बने हुए हैं और निकट भविष्य में घरेलू निवेश और खपत पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

Point of View

हमें यह समझना होगा कि भारतीय शेयर बाजार की दिशा वैश्विक आर्थिक कारकों और घरेलू नीतियों पर निर्भर करती है। आरबीआई की नीति और अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौतों का बाजार पर गहरा प्रभाव पड़ता है। हमे सतर्क रहना होगा और रुख की सही जानकारी प्राप्त करनी होगी।
NationPress
28/09/2025

Frequently Asked Questions

आरबीआई एमपीसी बैठक का महत्व क्या है?
आरबीआई एमपीसी बैठक में ब्याज दरों का निर्धारण होता है, जो आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित करता है।
भारत-यूएस व्यापार डील का शेयर बाजार पर क्या प्रभाव है?
भारत-यूएस व्यापार डील सकारात्मक हो तो यह निवेशकों का विश्वास बढ़ा सकती है, जिससे बाजार को समर्थन मिल सकता है।
एफआईआई डेटा क्यों महत्वपूर्ण है?
एफआईआई डेटा से यह पता चलता है कि विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में क्या कर रहे हैं, जो बाजार की दिशा को प्रभावित करता है।
निवेशकों को इस हफ्ते क्या ध्यान देना चाहिए?
निवेशकों को आरबीआई एमपीसी बैठक और भारत-यूएस व्यापार डील पर नजर रखनी चाहिए।
भारतीय शेयर बाजार में हाल की गिरावट का कारण क्या है?
गिरावट का कारण दवा कंपनियों पर नए टैरिफ और तकनीकी शेयरों में बिकवाली है।