क्या रुपए ने डॉलर के मुकाबले 26 पैसे की बढ़त के साथ मजबूती से शुरुआत की?

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क्या रुपए ने डॉलर के मुकाबले 26 पैसे की बढ़त के साथ मजबूती से शुरुआत की?

सारांश

रुपए की मजबूती और डॉलर के मुकाबले 26 पैसे की बढ़त ने भारतीय बाजार में सकारात्मकता का संकेत दिया है। जानें, इस सुधार के पीछे की वजहों और भविष्य के संभावित प्रभावों के बारे में।

Key Takeaways

  • रुपया ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले २६ पैसे की बढ़त की है।
  • केंद्रीय बैंक का समर्थन महत्वपूर्ण है।
  • रुपया की स्थिति तकनीकी स्तरों पर निर्भर करती है।
  • विदेशी निवेशकों की गतिविधियों का असर पड़ा है।
  • बाजार में सकारात्मकता का माहौल है।

मुंबई, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय करेंसी रुपया ने सोमवार के कारोबारी दिन अमेरिकी डॉलर के मुकाबले २६ पैसे की बढ़त के साथ मजबूती से शुरुआत की। करेंसी विशेषज्ञों ने बताया कि रुपया में यह सुधार केंद्रीय बैंक आरबीआई के समर्थन के कारण हो रहा है।

रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले ८९.१४ पर खुला, जबकि इससे पहले घरेलू मुद्रा ८९.४० प्रति डॉलर पर बंद हुई थी।

विशेषज्ञों के अनुसार, तकनीकी दृष्टिकोण से ८८.८० का स्तर अब एक मजबूत समर्थन स्तर बन गया है। यदि रुपया दैनिक आधार पर इस स्तर के नीचे बंद होता है, तो यह करेंसी के लिए अगली बढ़त का संकेत हो सकता है।

पिछले कारोबारी दिन शुक्रवार को भारतीय मुद्रा रुपया डॉलर के मुकाबले ८९.४९ के रिकॉर्ड निम्न स्तर पर आ गई थी। रुपया में यह गिरावट विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा भारतीय शेयरों की लगातार बिकवाली और भारत-अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता के कारण देखी गई।

हालिया कुछ हफ्तों में केंद्रीय बैंक ने तेज उतार-चढ़ाव को कम करने और रुपया की वैल्यू में बड़े स्विंग को रोकने के लिए करेंसी मार्केट में सक्रियता बनाए रखी है।

विश्लेषकों ने रुपया के संबंध में कहा कि भारत-अमेरिकी व्यापार समझौते में किसी प्रकार की प्रगति और स्पष्ट बातचीत की कमी के कारण भारतीय करेंसी तेजी से गिरकर ८९.६० के नए ऑल-टाइम लो पर पहुंच गई, जो ०.९० पैसे या -१.०२ प्रतिशत कम था। इस स्थिति में बिकवाली का जोरदार दबाव देखा गया।

उन्होंने आगे कहा कि टैरिफ के रोलबैक या व्यापार से जुड़े आश्वासनों पर किसी प्रकार की स्पष्टता की कमी से भावना कमजोर रही, जिसके कारण रुपया के संबंध में व्यापक रिस्क-ऑफ मूव देखा गया।

भारतीय शेयर बाजार की बात करें तो वैश्विक मार्केट में खरीदारी के कारण सेंसेक्स और निफ्टी ने कारोबार की शुरुआत हरे निशान पर की। सुबह करीब ९ बजकर २७ मिनट पर सेंसेक्स १३३.१३ अंक या ०.१६ प्रतिशत की बढ़त के साथ ८५,३६५.०५ पर बना हुआ था। वहीं, निफ्टी ४४.१० अंक या ०.१७ प्रतिशत की तेजी के साथ २६,११२.२५ स्तर पर कारोबार कर रहा था।

Point of View

हमें यह समझना होगा कि रुपया की मजबूती न केवल आर्थिक स्थिरता का संकेत है, बल्कि यह निवेशकों के लिए भी सकारात्मक संकेत है। हालांकि, वैश्विक बाजारों की अनिश्चितता को ध्यान में रखते हुए, हमें सतर्क रहना चाहिए।
NationPress
24/11/2025

Frequently Asked Questions

रुपया डॉलर के मुकाबले क्यों बढ़ा?
रुपया में बढ़त केंद्रीय बैंक आरबीआई के समर्थन के कारण हुई है।
क्या रुपये की स्थिति स्थायी है?
रुपया की स्थिरता वैश्विक मार्केट्स और आर्थिक संकेतकों पर निर्भर करती है।
क्या निवेशकों को रुपये में निवेश करना चाहिए?
निवेशकों को बाजार की स्थिति और विशेषज्ञों की राय को ध्यान में रखकर निर्णय लेना चाहिए।
क्या रुपये में और वृद्धि संभव है?
यदि आरबीआई का समर्थन बना रहता है, तो रुपये में और वृद्धि संभव है।
क्या रुपये की गिरावट का असर होगा?
रुपये की गिरावट का असर महंगाई और आर्थिक स्थिरता पर पड़ सकता है।
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