क्या संचायिका दिवस बच्चों को बचत करना सिखाने का एक महत्वपूर्ण दिन है?

सारांश
Key Takeaways
- बचत की आदत विकसित करना आवश्यक है।
- संचायिका बैंक बच्चों को वित्तीय ज्ञान देता है।
- बच्चों को ब्याज पर पैसे जमा करने का तरीका सिखाया जाता है।
- स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
- भविष्य में बेहतर नागरिक बनने के लिए यह दिन महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बच्चों में बचत की आदत विकसित करने के लिए राष्ट्रीय बचत संस्थान (एनएसआई) हर वर्ष 15 सितंबर को संचायिका दिवस के रूप में मनाता है।
इस अवसर पर, स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जहां बच्चों को बैंकिंग और अकाउंटिंग सिस्टम की जानकारी दी जाती है, ताकि उनमें सेविंग की आदत को बढ़ावा मिल सके। इससे बच्चे भविष्य में बेहतर नागरिक बनकर देश के विकास में योगदान कर सकें।
संचायिका एक धन प्रणाली है, जिसका उद्देश्य बच्चों को बचत करने का तरीका सिखाना है। इस योजना के तहत बच्चे अपने खाते में पैसे जमा कर सकते हैं और उस पर ब्याज प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का विचार पहली बार 1960 के दशक में आया था।
स्कूल स्तर पर संचायिका नाम से एक बैंक भी चलाया जाता है, जो छात्रों द्वारा छात्रों के लिए है।
राष्ट्रीय बचत संस्थान की वेबसाइट के अनुसार, संचायिका बैंक में छात्रों द्वारा एकत्रित राशि को पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट में जमा किया जाता है। इस खाते का संचालन एक बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा किया जाता है, जिसमें स्कूल के प्रिंसिपल या हेड मास्टर और स्कूल या कॉलेज के दो छात्र शामिल होते हैं।
इस खाते के लिए छात्रों से संग्रह एक निश्चित दिन पर किया जाता है, और इसकी एंट्री पासबुक में की जाती है। इसके बाद पासबुक छात्रों को लौटा दी जाती है। इस खाते में जमा राशि पर बच्चों को ब्याज भी मिलता है।
केंद्र सरकार के अधिकांश स्कूलों और कॉलेजों में संचायिका दिवस मनाया जाता है। यह दिन छात्रों में बचत की आदत डालने का एक महत्वपूर्ण अवसर माना जाता है, जिससे वे कम उम्र में ही पैसे बचाने के महत्व को समझते हैं।