क्या सरकार एक सुरक्षित और स्मार्ट एनर्जी फ्यूचर बनाने के प्रति समर्पित है?

सारांश
Key Takeaways
- सरकार ने स्मार्ट एनर्जी फ्यूचर के लिए कई पहलें शुरू की हैं।
- सुरक्षा हर उन्नति का मूल सिद्धांत होना चाहिए।
- सभी नागरिकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
- एक सक्रिय सुरक्षा संस्कृति का निर्माण आवश्यक है।
- स्मार्ट ऊर्जा प्रणालियों में सुरक्षा को केंद्र में रखना चाहिए।
नई दिल्ली, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। सरकार रूफटॉप सोलर, ईवी चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, बैटरी स्टोरेज और डिजिटल फॉल्ट डिटेक्शन जैसी पहलों के माध्यम से एक सुरक्षित और स्मार्ट एनर्जी फ्यूचर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जानकारी पावर एंड न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय में राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने साझा की।
शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 'विद्युत सुरक्षा दिवस' हमारे लिए एक महत्वपूर्ण अनुस्मारक है, क्योंकि हम एक स्वच्छ, स्मार्ट और डिजिटल एनर्जी प्रणाली की ओर अग्रसर हैं, जहां सुरक्षा हर प्रगति का मूल सिद्धांत होना चाहिए।
उन्होंने कहा, "बिजली आधुनिक जीवन के हर क्षेत्र को सशक्त बनाती है, चाहे वह घर हों, अस्पताल हों, उद्योग हों या मोबिलिटी, पर इसे अत्यंत सावधानी से प्रबंधित किया जाना चाहिए।"
बीएसईएस के सहयोग से केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नाइक ने कहा, "सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है और मैं सभी नागरिकों, तकनीशियनों और हितधारकों से सतर्क और जिम्मेदार बने रहने की अपील करता हूं। मिलकर, हम न केवल एक स्मार्ट भारत, बल्कि एक सुरक्षित भारत का निर्माण कर सकते हैं।"
विद्युत मंत्रालय के सचिव पंकज अग्रवाल ने कहा, "विद्युत क्षेत्र में सुरक्षा एक मुख्य पहलू होनी चाहिए, न कि केवल एक चेकलिस्ट।"
उन्होंने यह भी बताया कि, "जैसे-जैसे हम स्मार्ट, स्वच्छ ऊर्जा प्रणालियों की ओर बढ़ते हैं, जवाबदेही और सतर्कता अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। मेरा मानना है कि एक सक्रिय सुरक्षा संस्कृति का निर्माण एक विश्वसनीय और भविष्य के लिए तैयार बिजली इकोसिस्टम के लिए आवश्यक है।"
सीईए के अध्यक्ष घनश्याम प्रसाद ने कहा, "विद्युत सुरक्षा केवल एक आवश्यकता नहीं है, यह एक मानसिकता है। वितरित और स्मार्ट ऊर्जा प्रणालियों के इस युग में, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सुरक्षा हर नवोन्मेष और हर कनेक्शन के केंद्र में हो। बिजली को सावधानी से संभालें और जागरूक रहें।"
इस वर्ष का 'विद्युत सुरक्षा दिवस' नीति निर्माताओं, यूटिलिटीज और जनता के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग को प्रदर्शित करता है, जिसने 'स्मार्ट ऊर्जा, सुरक्षित राष्ट्र' के सिद्धांत को मजबूत किया है।