क्या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड ने निवेशकों को 329 प्रतिशत का रिटर्न दिया?
सारांश
Key Takeaways
- 329 प्रतिशत का रिटर्न
- 12,350 रुपए प्रति ग्राम का भुगतान
- 8 वर्षों की अवधि
- सालाना 2.5 प्रतिशत ब्याज
- सरकार द्वारा जारी और आरबीआई के प्रबंधन में
नई दिल्ली, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) 2017-18 सीरीज-VII ट्रेंच की ड्यू डेट आज है, जिसे आठ साल पहले 13 नवंबर, 2017 को जारी किया गया था। यह जानकारी आरबीआई ने साझा की है।
केंद्रीय बैंक के अनुसार, इस सीरीज के एसजीबी निवेशकों को मैच्योरिटी पर 12,350 रुपए प्रति ग्राम की दर से भुगतान किया जाएगा।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की अवधि 8 वर्ष होती है, जिसमें पांच वर्ष पूरे होने के बाद निकासी का विकल्प उपलब्ध होता है। इससे निवेशकों को बॉंड को मैच्योरिटी तक रखने या लॉक-इन अवधि के बाद आंशिक रूप से निवेश को भुनाने (रिडेम्पशन) की सुविधा मिलती है।
एसजीबी 2017-18 सीरीज-VII ट्रेंच का रिडेम्पशन प्राइस इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) द्वारा 10, 11 और 12 नवंबर, 2025 को 24 कैरेट सोने के लिए जारी की गई कीमतों के औसत पर तय किया गया है।
इन बॉंड्स को आठ साल पहले 2,934 रुपए प्रति ग्राम और ऑनलाइन खरीदारी पर मिलने वाले 50 रुपए के डिस्काउंट को जोड़ने पर 2,884 रुपए प्रति ग्राम पर जारी किया गया था।
यह सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड भारत सरकार द्वारा जारी किया जाता है और इसे आरबीआई द्वारा प्रबंधित किया जाता है। यह पूरी तरह से सोने की कीमतों से जुड़ा होता है। इसका अर्थ है कि 24 कैरेट सोने की जो कीमत बाजार में होगी, वही इस बॉंड में दर्ज सोने की मात्रा की भी होगी।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को 2015 में केंद्र सरकार ने लांच किया था। इसका उद्देश्य देश के सोने के आयात को कम करने के लिए लोगों को गोल्ड बॉंड के रूप में एक विकल्प प्रदान करना था।
गोल्ड की कीमतों में वृद्धि के साथ, सरकार की तरफ से इन बॉंड में निवेशित राशि पर सालाना 2.5 प्रतिशत का ब्याज भी दिया जाता है।