क्या देश में ट्रैक्टर्स की मांग वास्तव में मजबूत है? सोनालिका ने वित्त वर्ष 26 के पहले चार महीनों में बेचे 50,000 से अधिक यूनिट्स

सारांश
Key Takeaways
- ट्रैक्टर्स की मांग में वृद्धि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मजबूती का संकेत है।
- सोनालिका ने रिकॉर्ड बिक्री की है।
- महिंद्रा एंड महिंद्रा की बिक्री में भी उछाल आया है।
- ग्रामीण परिवारों की आय में वृद्धि हो रही है।
- महंगाई की चिंताएं कम हुई हैं।
नई दिल्ली, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। देश में ट्रैक्टर्स की मांग लगातार मजबूत बनी हुई है। प्रमुख ट्रैक्टर निर्माता कंपनी सोनालिका ने वित्त वर्ष 2025-26 (चालू वित्त वर्ष) के पहले चार महीनों (अप्रैल-जुलाई) में 53,772 यूनिट्स की बिक्री की है।
कंपनी ने अपनी आधिकारिक प्रेस रिलीज में उल्लेख किया कि ट्रैक्टर्स की रिकॉर्ड बिक्री का कारण मजबूत घरेलू मांग और किसानों की कृषि आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर एडवांस मैकेनिज्म सॉल्यूशंस पर ध्यान केंद्रित करना है।
सोनालिका की एकीकृत ट्रैक्टर निर्माण इकाई हर दो मिनट में एक हैवी-ड्यूटी ट्रैक्टर का उत्पादन करती है। ईंधन-कुशल इंजन से लेकर उन्नत हाइड्रोलिक्स तक, लगभग सभी भाग गुणवत्ता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए इन-हाउस निर्मित किए जाते हैं।
सोनालिका इंटरनेशनल ट्रैक्टर लिमिटेड के ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर, रमन मित्तल ने कहा, "हमारे हेवी-ड्यूटी ट्रैक्टर किसानों को सशक्त बनाने के लिए मजबूती से बनाए गए हैं। सोनालिका त्योहारी सीजन की मांग को पूरा करने के लिए पूरे भारत में फैले अपने विशाल पार्टनर नेटवर्क का लाभ उठा रही है, जिसका लक्ष्य न केवल मशीनें, बल्कि 'किसानों को खुशी' प्रदान करना है।"
उन्होंने आगे कहा कि कंपनी बेहतर कृषि उत्पादकता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और भारतीय कृषि के आधुनिकीकरण के प्रयासों का नेतृत्व करती रहेगी।
इसके अलावा अन्य ट्रैक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी की बिक्री में भी उछाल देखा जा रहा है।
वित्त वर्ष 26 की जुलाई अवधि में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने घरेलू बाजार में 26,990 टैक्टर्स की बिक्री की थी, जो कि पिछले साल के समान अवधि के आंकड़ों 25,587 यूनिट्स से 5 प्रतिशत ज्यादा है।
इस दौरान कंपनी ने 1,718 यूनिट्स टैक्टर्स का निर्यात किया था, जिससे कुल बिक्री 28,708 यूनिट्स तक पहुंच गई।
देश में ट्रैक्टर्स की मांग बढ़ने की वजह ग्रामीण क्षेत्रों में आय का बढ़ना है।
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के एक सर्वे के अनुसार, 76.6 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण परिवारों ने खपत में वृद्धि दर्ज की है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तेज गति का संकेत है।
जुलाई 2025 के सर्वे से पता चला है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई की चिंताएं कम हुई हैं क्योंकि 78.4 प्रतिशत से अधिक परिवारों का मानना है कि वर्तमान मुद्रास्फीति 5 प्रतिशत या उससे कम है। यह मूल्य स्थिरता में सुधार को भी दर्शाता है।
सर्वे में बताया गया कि 74.7 प्रतिशत लोगों ने अगले वर्ष आय में वृद्धि की उम्मीद जताई और 56.2 प्रतिशत से अधिक लोगों ने अल्पावधि में बेहतर रोजगार की संभावनाओं का अनुमान लगाया गया है।