क्या खराब मौसम ने उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर दुर्घटना का कारण बना?

सारांश
Key Takeaways
- दुर्घटना का कारण: खराब मौसम
- सुरक्षा प्रोटोकॉल: नई एसओपी का मसौदा तैयार किया जाएगा
- हेलीकॉप्टर मॉडल: बेल हेलीकॉप्टर
- पायलट की योग्यता: अनुभवी पायलट
- घटना का समय: सुबह 5:17 बजे
नई दिल्ली, 15 जून (राष्ट्र प्रेस)। एविएशन विशेषज्ञ डॉ. सुभाष गोयल ने रविवार को बताया कि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग स्थित गौरीकुंड क्षेत्र में हेलीकॉप्टर दुर्घटना का मुख्य कारण खराब मौसम था। इसमें न तो पायलट की कोई गलती थी और न ही हेलीकॉप्टर में कोई तकनीकी कमी।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए गोयल ने कहा, "यह बारिश का महीना है, जिससे मौसम लगातार प्रतिकूल रहता है और यह स्थिति सितंबर तक बनी रहेगी। दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर बेल हेलीकॉप्टर था, जो अत्यधिक सुरक्षित माना जाता है।"
उन्होंने आगे कहा, "यह हेलीकॉप्टर गुप्तकाशी से केदारनाथ तक उड़ान भरता है और उसे अनुभवी पायलट चला रहा था, जिसने मिलिट्री में भी सेवा दी है।"
गोयल ने खुलासा किया, "मुझे लगता है कि इसमें पायलट और हेलीकॉप्टर दोनों की कोई गलती नहीं थी। यह घटना पूरी तरह से मौसम के कारण हुई। मेरी जानकारी के अनुसार, घटना से पहले पायलट ने यह संदेश दिया था कि खराब मौसम के कारण वह हेलीकॉप्टर को मोड़ रहा है, लेकिन तभी यह दुर्घटना हुई।"
हेलीकॉप्टर, जो केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी जा रहा था, सुबह गौरीकुंड के निकट एक जंगली क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें सवार सभी सात लोग मारे गए।
हेलीकॉप्टर ने सुबह 5:17 बजे गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी थी और केदारनाथ से यात्रियों को लेकर लौट रहा था, तभी केदारनाथ घाटी में खराब मौसम के कारण यह रास्ता भटक गया।
अधिकारियों ने पुष्टि की कि क्षेत्र में मौसम बेहद खराब था, जिसके कारण हेलीकॉप्टर अपना रास्ता भटक गया और दुर्घटना का शिकार हो गया।
हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद, मुख्यमंत्री धामी ने रविवार को मुख्य सचिव को तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति बनाने के निर्देश दिए। यह समिति हेलीकॉप्टर संचालन के सभी सुरक्षा और तकनीकी पहलुओं की गहन समीक्षा करेगी और नई एसओपी का मसौदा तैयार करेगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हेलीकॉप्टर सेवाएं पूर्ण सुरक्षा, पारदर्शिता और सभी निर्धारित मानदंडों के साथ संचालित हों।