क्या वित्त मंत्रालय ने एलआईसी को निवेश के लिए कोई निर्देश नहीं दिया?

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क्या वित्त मंत्रालय ने एलआईसी को निवेश के लिए कोई निर्देश नहीं दिया?

सारांश

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि एलआईसी को फंड के निवेश के संबंध में कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं। एलआईसी अपने निवेश के निर्णय स्वयं लेती है, जो विभिन्न मानकों पर आधारित होते हैं। जानें एलआईसी के प्रमुख निवेशों की जानकारी।

Key Takeaways

  • एलआईसी को निवेश के लिए कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं।
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी दी।
  • एलआईसी अपने निर्णय खुद लेती है, जिसमें जोखिम मूल्यांकन शामिल है।
  • एलआईसी का बड़ा निवेश रिलायंस और इन्फोसिस में है।
  • सरकार की कोई सीधी निगरानी नहीं है।

नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वित्त मंत्रालय ने लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एलआईसी) को अपने फंड के निवेश के संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं किया है। यह जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को दी।

लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि एलआईसी के निवेश संबंधी निर्णय स्वयं एलआईसी द्वारा लिए जाते हैं, जिसमें गहन छानबीन, जोखिम मूल्यांकन और अनुपालन प्रक्रियाएं शामिल होती हैं। ये निर्णय बीमा अधिनियम, 1938 के प्रावधानों के साथ-साथ भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई), भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुसार होते हैं।

उन्होंने बताया कि एलआईसी एनएसई और बीएसई में सूचीबद्ध शीर्ष 500 कंपनियों में निवेश करती है और वर्तमान में एलआईसी का अधिकतर निवेश इन कंपनियों में है। 30 सितंबर 2025 तक, निफ्टी 50 कंपनियों में एलआईसी का निवेश 4,30,776.97 करोड़ रुपए की बुक वैल्यू तक पहुंच गया है, जो उसके कुल इक्विटी निवेश का 45.85 प्रतिशत है।

एलआईसी के निवेश कार्यों का मूल्यांकन समवर्ती लेखा परीक्षकों, वैधानिक लेखा परीक्षकों, प्रणाली लेखा परीक्षकों, आंतरिक वित्तीय नियंत्रण (आईएफसी) लेखा परीक्षकों और आंतरिक सतर्कता टीम द्वारा किया जाता है। इस संबंध में आईआरडीएआई द्वारा निरंतर निरीक्षण भी किया जाता है।

सीतारमण ने बताया कि एलआईसी के निवेश पर सरकार की कोई प्रत्यक्ष निगरानी नहीं है।

वित्त मंत्री ने अदाणी ग्रुप की कंपनियों में एलआईसी की होल्डिंग की जानकारी दी, जिसकी वैल्यू 30 सितंबर 2025 तक 38,658.85 करोड़ रुपए है।

इसके अलावा, रिलायंस इंडस्ट्रीज में एलआईसी का कुल निवेश 40,901.38 करोड़ रुपए है, जो किसी भी प्राइवेट सेक्टर की कंपनी में सबसे अधिक है। इसके बाद इन्फोसिस का नंबर आता है, जिसमें एलआईसी का निवेश 38,846.33 करोड़ रुपए है।

इसके अतिरिक्त, एलआईसी ने टाटा कंसल्टेंसी में 31,926.89 करोड़ रुपए, एचडीएफसी बैंक में 31,664.69 करोड़ रुपए और हिंदुस्तान यूनिलीवर में 30,133.49 करोड़ रुपए का निवेश किया है।

एलआईसी ने कई प्रमुख सरकारी कंपनियों में भी निवेश किया है, जिनमें एसबीआई, कोल इंडिया, ओएनजीसी, पंजाब नेशनल बैंक और जनरल इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया शामिल हैं।

Point of View

क्योंकि यह निवेशकों के विश्वास को प्रभावित करता है। सरकार की सीधी निगरानी न होने से एलआईसी को स्वतंत्रता मिलती है।
NationPress
14/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या एलआईसी को निवेश के लिए निर्देश दिए गए हैं?
नहीं, वित्त मंत्रालय ने एलआईसी को निवेश के संबंध में कोई निर्देश नहीं दिए।
एलआईसी के निवेश निर्णय कैसे होते हैं?
एलआईसी अपने निवेश निर्णय स्वयं लेती है, जिसमें जोखिम मूल्यांकन और अनुपालन शामिल हैं।
एलआईसी का निवेश किस प्रकार की कंपनियों में है?
एलआईसी एनएसई और बीएसई में सूचीबद्ध शीर्ष 500 कंपनियों में निवेश करती है।
एलआईसी के प्रमुख निवेश कौन से हैं?
एलआईसी ने रिलायंस, इन्फोसिस, और टाटा कंसल्टेंसी जैसी कंपनियों में बड़े पैमाने पर निवेश किया है।
क्या सरकार एलआईसी के निवेश पर नजर रखती है?
नहीं, सरकार की एलआईसी के निवेश पर कोई सीधी निगरानी नहीं है।
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