क्या वाशिंगटन पोस्ट के आर्टिकल ने एलआईसी और अदाणी पर झूठे और भ्रामक नैरेटिव को जन्म दिया?

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क्या वाशिंगटन पोस्ट के आर्टिकल ने एलआईसी और अदाणी पर झूठे और भ्रामक नैरेटिव को जन्म दिया?

सारांश

क्या वाशिंगटन पोस्ट का आर्टिकल सच में अदाणी और एलआईसी पर झूठी जानकारियों का खजाना है? जानें कैसे यह लेख आधारहीन आरोपों से भरा है।

Key Takeaways

  • एलआईसी का अदाणी में निवेश 3.9 अरब डॉलर है।
  • वाशिंगटन पोस्ट के दावे झूठे हैं।
  • अदाणी समूह का कर्ज मजबूत स्थिति में है।
  • एलआईसी का कर्ज पोर्टफोलियो में 0.3 प्रतिशत से कम है।
  • अदाणी में निवेश बढ़ रहा है।

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव और आगामी शीतकालीन संसदीय सत्र से पहले, अमेरिका के मीडिया संस्थान ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ के एक लेख में यह आरोप लगाया गया है कि भारत सरकार ने लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एलआईसी) पर अदाणी समूह में 3.9 अरब डॉलर का निवेश करने के लिए दबाव डाला, जिसमें मई 2025 में किया गया 568 मिलियन डॉलर (5,000 करोड़ रुपए) का निवेश भी शामिल है।

इस लेख में कई झूठी जानकारियां, तथ्यात्मक गलतियां, भ्रामक दावे और झूठे नैरेटिव शामिल हैं।

वाशिंगटन पोस्ट के इस लेख में किए गए दावों को एलआईसी ने खारिज कर दिया है। साथ ही कहा गया कि यह लेख झूठा, आधारहीन और सत्य से परे है।

एलआईसी के पूर्व अध्यक्ष सिद्धार्थ मोहंती ने भी इस रिपोर्ट की निंदा करते हुए कहा, "द वाशिंगटन पोस्ट ने अदाणी समूह में एलआईसी के निवेश के खिलाफ एक भ्रामक कहानी गढ़ी है, जिसमें सरकारी हस्तक्षेप का आरोप लगाया गया है। मैं स्पष्ट करता हूं कि सरकार एलआईसी के किसी भी निवेश निर्णय में हस्तक्षेप नहीं करती।"

सूत्रों के अनुसार, यह लेख गलत तथ्यों पर आधारित है कि अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड को अपने बकाया लोन को रिफाइनेंस करने के लिए पैसों की आवश्यकता थी।

द वाशिंगटन पोस्ट ने लेख में कहा था, "अदाणी पोर्ट्स की सहायक कंपनी को मौजूदा लोन को रिफाइनेंस करने के लिए बॉंड जारी करके लगभग 585 मिलियन डॉलर जुटाने की आवश्यकता थी।"

हालांकि, यह स्पष्ट है कि ऐसा कोई रिफाइनेंस बकाया नहीं था। अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड की आधिकारिक मीडिया रिलीज में यह कहा गया है कि एलआईसी से जुटाई गई राशि 2027 और 2029 के बीच परिपक्व होने वाले बॉंडों के प्रस्तावित बायबैक के लिए थी।

इसके तुरंत बाद, जुलाई में, अदाणी पोर्ट्स ने 450 मिलियन डॉलर तक के बकाया अमेरिकी डॉलर के बॉंड वापस खरीदने के लिए एक टेंडर प्रस्ताव पेश किया।

लेख के दूसरे पैराग्राफ में भी गलत तथ्यों को पेश किया गया है कि भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति, जिनकी कुल संपत्ति लगभग 90 बिलियन डॉलर है, पर पिछले साल अमेरिकी अधिकारियों ने रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी का आरोप लगाया था।

हालांकि, कई अमेरिकी और यूरोपीय संस्थाओं ने हाल ही में अदाणी समूह में निवेश किया है, और यह सभी जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है।

अप्रैल 2025 में, ब्लैकरॉक ने अदाणी समूह की निजी संस्थाओं में निवेश किया। जून 2025 में अपोलो एथेन लाइफ ने अदाणी के मुंबई हवाई अड्डे में 750 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया।

सितंबर 2025 में, प्रमुख डच बैंक - राबोबैंक - और जर्मनी के दूसरे सबसे बड़े संपत्ति-आधारित बैंक, डीजेड बैंक ने अदाणी के ग्रीन एसेट्स में निवेश किया।

लेख का आरंभिक बयान है कि कारोबारी समूह का कर्ज तेजी से बढ़ रहा है, जो कि एक गलत बयान है।

फाइनेंशियल वर्ष 25 में अदाणी पोर्टफोलियो का ईबीआईटीडीए 89,218 करोड़ रुपए था, और कुल लंबी अवधि का कर्ज 2.65 लाख करोड़ रुपए था।

अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड को सभी चार प्रमुख घरेलू रेटिंग एजेंसियों द्वारा ‘एएए’ रेटिंग दी गई है, जो कि एक भारतीय कॉर्पोरेट द्वारा प्राप्त की जाने वाली सर्वोच्च रेटिंग है।

अदाणी समूह के कुल कर्ज में एलआईसी की हिस्सेदारी 3 प्रतिशत से भी कम है। समूह का 50 प्रतिशत से ज्यादा कर्ज विदेशी निवेशकों से है।

न केवल एलआईसी, बल्कि अन्य कई शीर्ष संस्थानों ने पिछले छह महीनों में अदाणी द्वारा जारी बॉंड में निवेश किया है।

सच तो यह है कि एलआईसी का अदाणी में डेट एक्सपोजर उसके कुल लोन पोर्टफोलियो के 0.3 प्रतिशत से भी कम है।

अदाणी एलआईसी की सबसे बड़ी होल्डिंग नहीं है, बल्कि वह रिलायंस, टाटा समूह, आईटीसी, एसबीआई (एसबीआई बैंक और एसबीआई कार्ड्स) सहित अन्य प्रमुख कंपनियों के साथ है।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम सभी पक्षों को ध्यान में रखते हुए निष्पक्षता से विचार करें। एलआईसी और अदाणी पर उठाए गए सवालों का सही उत्तर देना आवश्यक है। हमें तथ्यात्मक जानकारी की खोज करनी चाहिए और भ्रामक जानकारियों से बचना चाहिए।
NationPress
27/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या वाशिंगटन पोस्ट का आर्टिकल सही है?
एलआईसी ने इसे झूठा और आधारहीन बताया है।
क्या अदाणी समूह का कर्ज बढ़ रहा है?
यह दावा गलत है, क्योंकि अदाणी समूह की वित्तीय स्थिति मजबूत है।