क्या थोक महंगाई दर जून में 14 महीने के निचले स्तर पर गिर गई है?

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क्या थोक महंगाई दर जून में 14 महीने के निचले स्तर पर गिर गई है?

सारांश

जून महीने में थोक महंगाई दर ने नया रिकॉर्ड बनाया है, जो खाद्य कीमतों में कमी के कारण नकारात्मक क्षेत्र में पहुंच गई है। क्या यह संकेत है कि महंगाई में स्थायी कमी आ रही है? जानिए इस रिपोर्ट में इसके पीछे के कारण और आर्थिक प्रभाव।

Key Takeaways

  • जून में थोक महंगाई दर (-)0.13 प्रतिशत पर पहुंची।
  • खाद्य उत्पादों की कीमतों में कमी इसका मुख्य कारण है।
  • 14 महीनों में सबसे निचली महंगाई दर।
  • आरबीआई ने महंगाई दर का अनुमान घटाया।
  • महंगाई में व्यापक नरमी के संकेत मिल रहे हैं।

नई दिल्ली, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। थोक महंगाई दर जून में गिरकर (-)0.13 प्रतिशत हो गई है। इसकी मुख्य वजह खाद्य उत्पादों की कीमतों में आई कमी है। यह जानकारी केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी किए गए डेटा में प्रस्तुत की गई है।

इस वर्ष की शुरुआत से यह पहला अवसर है जब थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई दर नकारात्मक स्तर पर पहुंची है, जो कि 14 महीने का न्यूनतम स्तर है। मई में थोक महंगाई दर 0.39 प्रतिशत थी।

मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, जून में प्राथमिक वस्तुओं का इंडेक्स मई की तुलना में 0.81 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं, खाद्य उत्पादों पर थोक महंगाई दर जून में -3.75 प्रतिशत रही है, जबकि मई में यह -1.56 प्रतिशत थी।

प्राथमिक वस्तुओं में महंगाई दर पिछले महीने के -2.02 प्रतिशत से घटकर -3.38 प्रतिशत हो गई। ईंधन और बिजली में महंगाई दर जून में -2.65 प्रतिशत रही, जबकि मई में यह -2.27 प्रतिशत थी। मैन्युफैक्चरिंग उत्पादों में महंगाई दर जून में 1.97 प्रतिशत रही।

खाद्य वस्तुओं की श्रेणी में सब्जियों की महंगाई दर मई के -21.62 प्रतिशत से घटकर जून में -22.65 प्रतिशत हो गई। जून में दालों में महंगाई दर -14.09 प्रतिशत रही, जबकि गेहूं में महंगाई दर 3.77 प्रतिशत रही। अंडे, मांस और मछली के लिए महंगाई दर मई के -1.01 प्रतिशत से घटकर जून में -0.29 प्रतिशत रही। आलू और प्याज में महंगाई दर क्रमशः -32.67 प्रतिशत और -33.49 प्रतिशत रही।

पिछले महीने एमपीसी बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महंगाई दर अनुमान 4 प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया था।

आरबीआई गवर्नर ने बताया कि पिछले छह महीनों में महंगाई में कमी आई है और यह अक्टूबर 2024 के सहनशीलता बैंड से ऊपर से लक्ष्य से काफी नीचे आ गई है। इसमें व्यापक रूप से नरमी के संकेत भी दिख रहे हैं। निकट और मध्यम अवधि के दृष्टिकोण से अब हमें न केवल पिछली बैठक में व्यक्त किए गए 4 प्रतिशत के लक्ष्य के साथ मुख्य महंगाई के टिकाऊ संरेखण का विश्वास मिलता है, बल्कि यह विश्वास भी मिलता है कि वर्ष के दौरान, यह लक्ष्य से कुछ हद तक कम रह सकती है।

Point of View

हम देख सकते हैं कि थोक महंगाई दर का गिरना हमारे आर्थिक परिदृश्य में एक सकारात्मक संकेत है। यह खाद्य मूल्य वृद्धि में कमी और स्थिरता की ओर इशारा करता है। देश की आर्थिक स्थिरता के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

थोक महंगाई दर क्या होती है?
थोक महंगाई दर उन वस्तुओं की कीमतों में औसत परिवर्तन को मापती है जो थोक विक्रेताओं द्वारा बेची जाती हैं।
जून में थोक महंगाई दर में गिरावट का मुख्य कारण क्या है?
जून में थोक महंगाई दर में गिरावट का मुख्य कारण खाद्य उत्पादों की कीमतों में कमी है।
क्या यह गिरावट स्थायी हो सकती है?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट कुछ समय के लिए स्थायी हो सकती है, लेकिन यह बाजार की स्थिति पर निर्भर करेगा।
क्या आरबीआई को महंगाई दर को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी?
जी हां, इस गिरावट से आरबीआई को महंगाई दर को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
खाद्य कीमतों में कमी का अर्थ क्या है?
खाद्य कीमतों में कमी का अर्थ है कि उपभोक्ताओं को दैनिक आवश्यकताओं के लिए कम खर्च करना पड़ेगा।