क्या 80 दशक से अब तक फिल्म इंडस्ट्री में आए हैं बदलाव? माधुरी दीक्षित ने खोला राज

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क्या 80 दशक से अब तक फिल्म इंडस्ट्री में आए हैं बदलाव? माधुरी दीक्षित ने खोला राज

सारांश

माधुरी दीक्षित ने 80 के दशक से अब तक फिल्म इंडस्ट्री में आए बदलावों पर चर्चा की। जानें कैसे फिल्म निर्माण के तरीके और कलाकारों की तैयारी में सुधार हुआ है। उनके अनुभवों से जानिए कि कैसे आज की फिल्में पहले से बेहतर बन रही हैं।

Key Takeaways

  • फिल्म इंडस्ट्री में पेशेवर तरीके से काम करने का महत्व।
  • अभिनेताओं को पूरी स्क्रिप्ट और तैयारी का समय मिलना।
  • फिल्म सेट्स पर सभी आवश्यक सुविधाओं का होना।
  • किरदारों के लिए बेहतर लुक और तैयारी का होना।
  • फिल्म निर्माण के स्तर में सुधार।

मुंबई, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री माधुरी दीक्षित ने फिल्म इंडस्ट्री में चार दशकों से अधिक का अनुभव साझा किया है। उन्होंने न केवल कई सुपरहिट फिल्में दीं, बल्कि समय के साथ खुद को भी ढाला है। राष्ट्र प्रेस को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने अपने करियर की यात्रा, फिल्म निर्माण में आए परिवर्तनों, और आज के दौर में फिल्मों के चयन पर चर्चा की।

माधुरी ने इंडस्ट्री में अपने प्रारंभिक दिनों के अनुभव साझा करते हुए कहा, ''तब फिल्म इंडस्ट्री अब जैसी व्यवस्थित नहीं थी। 80 और 90 के दशक में कुछ ही प्रोड्यूसर थे, जो काम को पेशेवर तरीके से करते थे, जैसे कि यश चोपड़ा, बी. आर. चोपड़ा, सुभाष घई और राजश्री प्रोडक्शन्स। उस समय ज्यादातर फिल्में बिना विशेष योजना और सुविधाओं के बनती थीं।''

उन्होंने बताया, ''पहले, फिल्में बनाते समय कलाकारों को तैयारी का समय नहीं मिलता था। शूटिंग अचानक शुरू होती थी और कलाकारों को मौके पर ही सीन को समझकर शूट करना पड़ता था। अब स्थिति पूरी तरह बदल गई है। आज कलाकारों को स्क्रिप्ट पहले से मिलती है, किरदार पर काम करने का समय मिलता है और शूटिंग से पहले अच्छी तैयारी होती है। इससे कलाकार अपने रोल को बेहतर तरीके से निभा पाते हैं।''

माधुरी ने कहा, ''पहले शूटिंग के दौरान कलाकारों की सुविधाओं का ध्यान नहीं रखा जाता था। न वैनिटी वैन होती थी और न ही आराम करने की कोई खास जगह। कलाकारों को तेज धूप में बैठना पड़ता था। आज हर फिल्म सेट पर सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। कलाकारों के लिए आरामदायक वैनिटी वैन होती हैं, जहां वे शॉट्स के बीच आराम कर सकते हैं। इससे काम का माहौल भी बेहतर हो जाता है।''

उन्होंने आगे कहा, ''आज के समय में किरदारों पर बहुत मेहनत की जाती है। पहले से तय होता है कि कलाकार क्या पहनेंगे, उनका लुक कैसा होगा, और वे किस तरह से स्क्रीन पर नजर आएंगे। शूटिंग से पहले रीडिंग सेशन और रिहर्सल होती हैं, जो पहले नहीं होती थीं। इन बदलावों से फिल्म निर्माण का स्तर काफी ऊंचा हो गया है।''

Point of View

मैं यह मानता हूँ कि माधुरी दीक्षित का अनुभव न केवल फिल्म इंडस्ट्री में परिवर्तनों को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे समय के साथ कलाकारों की स्थिति और काम करने की परिस्थितियाँ बेहतर हुई हैं। यह बदलाव हमारे समाज में कला और संस्कृति की प्रगति का प्रतीक है।
NationPress
18/12/2025

Frequently Asked Questions

माधुरी दीक्षित का फिल्म करियर कब शुरू हुआ?
माधुरी दीक्षित का फिल्म करियर 1984 में फिल्म 'अबोध' से शुरू हुआ।
फिल्म निर्माण में क्या बदलाव आए हैं?
आजकल कलाकारों को पहले से स्क्रिप्ट मिलती है और बेहतर तैयारी का मौका मिलता है, जो पहले नहीं था।
माधुरी दीक्षित ने किस प्रकार के अनुभव साझा किए?
उन्होंने अपने प्रारंभिक दिनों के अनुभव और आज की फिल्म इंडस्ट्री में आए बदलावों पर चर्चा की।
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