क्या अच्छी फिल्में भाषा की सीमाओं से परे होती हैं? : अदिवि शेष

सारांश
Key Takeaways
- अदिवि शेष की नई फिल्में भारतीय सिनेमा को वैश्विक मंच पर ले जाने का प्रयास हैं।
- 'डकैत' एक गुस्सैल अपराधी की कहानी है।
- 'जी2' एक जासूसी फिल्म है जिसमें बेहतरीन कलाकार हैं।
- अदिवि का मानना है कि अच्छी फिल्में भाषा की सीमाओं से परे होती हैं।
- दोनों फिल्में 25 दिसंबर और 1 मई, 2026 को रिलीज होंगी।
मुंबई, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेता अदिवि शेष अपनी दो नई फिल्मों, डकैत और जी-2, के माध्यम से दर्शकों को रोमांचित करने के लिए बेहद उत्सुक हैं। ये दोनों फिल्में हिंदी और तेलुगु में एक साथ शूट की जा रही हैं, जो भारतीय सिनेमा को राष्ट्रीय और वैश्विक मंच पर ले जाने का एक प्रयास है।
पहली फिल्म 'डकैत' में अदिवि शेष मुख्य भूमिका में मृणाल ठाकुर के साथ नजर आएंगे। इस फिल्म में प्रसिद्ध निर्देशक और अभिनेता अनुराग कश्यप भी एक महत्वपूर्ण किरदार निभा रहे हैं। फिल्म का निर्देशन शेनिल देव ने किया है और इसका निर्माण सुप्रिया यारलागड्डा द्वारा किया गया है। सह-निर्माता सुनील नारंग हैं, और इसे अन्नपूर्णा स्टूडियो ने प्रस्तुत किया है।
कहानी एक ऐसे गुस्सैल अपराधी (अदिवि शेष) की है, जो धोखा खाने के बाद अपनी पूर्व प्रेमिका से बदला लेने की योजना बनाता है। वह उसे फंसाने के लिए एक खतरनाक योजना तैयार करता है। प्यार, धोखा और बदले की प्रवृत्ति के साथ इस कहानी को मनोरंजन के साथ प्रस्तुत किया गया है। फिल्म 25 दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।
इसके बाद, अदिवि अपनी सुपरहिट जासूसी फिल्म 'गुडाचारी' के सीक्वल 'जी2 - गुडाचारी 2' में दिखाई देंगे। यह फिल्म 1 मई, 2026 को रिलीज होगी। इसमें वामिका गब्बी और इमरान हाशमी जैसे शानदार कलाकार शामिल होंगे। बनीता संधु, मुरली शर्मा, सुप्रिया यारलागड्डा और मधु शालिनी भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में नजर आएंगे। यह फिल्म एक जासूसी की साहसिक कहानी प्रस्तुत करेगी।
अदिवि शेष ने अपनी फिल्मों के बारे में बात करते हुए कहा, "अच्छी फिल्में भाषा की सीमाओं से परे होती हैं। 'डकैत' और 'जी2' के साथ मैं केवल बड़ी फिल्में नहीं बना रहा हूं, बल्कि अच्छी फिल्में बनाने की सोच रहा हूं। 'डकैत' एक भावुक एक्शन-थ्रिलर है जो प्यार और इंतजार की कहानी बताती है, जबकि 'जी2' जासूसी की दुनिया को और विस्तारित करती है। दोनों फिल्में अलग-अलग शैलियों में हैं, लेकिन भारतीय कहानियों को वैश्विक दृष्टिकोण और भावनात्मक गहराई के साथ प्रस्तुत करने का प्रयास कर रही हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "मृणाल और वामिका जैसे बेहतरीन कलाकारों के साथ काम करना बेहद रोमांचक रहा। मेरा मानना है कि अब भारतीय सिनेमा को दूसरों की मंजूरी का इंतजार नहीं करना चाहिए; हम अपनी कहानियां अपने तरीके से सुनाने के लिए यहां हैं, और मैं इस बदलाव का हिस्सा बनने पर गर्व महसूस करता हूं।"